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येस बैंक बेचेगा अपना एनपीए

jaipur| निजी क्षेत्र के ऋणदाता येस बैंक ने फंसे कर्ज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए जेसी फ्लावर्स के साथ आज एक समझौता किया। इसके तहत परिसंप​त्ति पुनर्गठन कंपनी का गठन किया जाएगा, जिसके जरिये 48,000 करोड़ रुपये का फंसा कर्ज बेचा जाएगा। इस प्रक्रिया से येस बैंक की गैर-निष्पादित आ​स्तियां (एनपीए) शून्य हो जाएंगी।

येस बैंक ने एक्सचेंजों को बताया, ‘…बैंक ने जेसीएफ एआरसी और जेसी फ्लावर्स ऐसेट रीकंस्ट्रक्शन के साथ करार किया है, जिसमें बैंक का फंसा कर्ज बेचने के लिए रणनीतिक साझेदारी की जाएगी।’ सौदे की शर्तें आज से प्रभावी हो गई हैं।

येस बैंक ने कहा कि उसने निर्णय किया है कि चिह्नित किए गए फंसे कर्ज की प्रस्तावित बिक्री के लिए जेसी फ्लावर्स एआरसी बुनियादी बोलीदाता होगी। बैंक के खाते में इस तरह का करीब 48,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। बैंक जेसी फ्लावर्स की बोली को बुनियादी बोली के तौर पर उपयोग करते ​हुए स्विस चैलेंज आधार पर बोली प्रक्रिया आयोजित करेगा।

येस बैंक को इस सौदे में सहायता करने वाली फर्म ईवाई के वित्तीय सेवा प्रमुख अबीजर दीवानजी ने कहा, ‘येस बैंक ने अपना 48,000 करोड़ रुपये का भारी-भरकम एनपीए जेसी फ्लावर्स एआरसी को बेचने की घोषणा की है। इसके साथ ही बैंक ने पुनरुद्धार का बड़ा हिस्सा पूरा कर लिया है।’

दीवानजी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है, ‘यह भारत में एनपीए अब तक की सबसे बड़ी एकमुश्त बिक्री है और इसके साथ ही वित्तीय संस्थान द्वारा विशेषज्ञ को फंसा कर्ज बेचने और उधारी वृद्धि पर ध्यान देने की शुरुआत हो गई है।’

येस बैंक के प्रबंधन ने इससे पहले कहा था कि एनपीए की बिक्री में 15:85 एनपीए का ढांचा होगा, जिसमें बैंक को बिक्री रा​शि का 15 फीसदी नकद मिलेगा और शेष प्रतिभूतियां होंगी, जिन्हें एआरसी द्वारा वसूली के बाद भुनाया जा सकेगा। येस बैंक की एआरसी में हिस्सेदारी होगी, इसलिए एआरसी के मुनाफे में भी उसका हिस्सा होगा।

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