जयपुर। कोरोना के चलते देशभर में लागू लॉकडाउन के चलते काम व अन्य सुविधाएं न मिलने से परेशान श्रमिक हजारों की संख्या में सड़कों पर निकल पड़े हैं। इस लॉकडाउन का असर सीधा श्रमिक वर्ग पर पड़ा है। राजस्थान में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के श्रमिक अटक गए हैं, लेकिन गहलोत सरकार इन्हें ठहराने और भोजन की व्यवस्था करने पर पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। यह कहना है कि ‘वी द पीपल (डब्ल्यूटीपी) की संस्थापक मंजू सुराना का।
प्रवासी मजदूरों का पलायन से कोरोना फैलने का डर
उन्होंने बताया कि श्रमिकों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। लॉकडाउन के दौरान कोरोनो जैसे गंभीर वायरस से स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रवासी मजदूरों का पलायन रोका जाए। उन्होंने कहा कि प्रवासी कामगार जिस शहर में हैं, उन्हें वहीं खाने-पीने की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए। सुराना ने कहा कि हमारी संस्था ने इस अव्यवस्था के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, पीएमओ और राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर मांग की है कि श्रमिकों को यहां की धर्मशालाओं, होटल, सामुदायिक भवनों में ठहरने और भोजन की व्यवस्था कराई जाए। गौरतलब है कि डब्ल्यूटीपी एक सामाजिक सेवा संस्थान है।