जोधपुर। मुख्यमंत्री (Cm Ashok Gehlot) के इलाक़े में एक महिला के घर से जबर्दस्ती 42 कुत्ते (42 Dogs) उठाकर ले गए। मामला 22 नवम्बर कि शाम का है जब रातानाडा इलाक़े (Ratanada area) में रहने वाली संगीता सुराना (Sangeeta Surana) के घर पर अचानक भेरोबाग़ ट्रस्टी आभेश डागा, अपर्णा बिस्सा, रीमा, पीटर, कविता सिंघवी, महेन्द्र सिंह परिहार, सुधीर सारडा उसके पालतू श्वान लेने पहुँच गए.
संगीता सड़क पर घूमने वाले अनाथ और बीमार कुत्तों को घर पर करती देखभाल
एनजीओ ने इलजाम लगाया कि महिला उन कुत्तों (Dog) को तरीक़े से नही रख रही जबकि संगीता (Sangeeta Surana) का कहना है कि उसके पालतू कुत्तों के अलावा वो सड़क पर घूमने वाले अनाथ और बीमार कुत्तों को घर पर लाकर देखभाल करती थी। उनका इलाज कराती थी। एक पिल्ला जो बीमार था उसको ड्रिप लगाई उसका इजाज़ कराया पर वो बच नही पाया और मर गया। जब ये अनजान लोग आए तब वो मरा हुआ घर पर था। बस इन्होंने ग़लत आरोप लगा दिए और मेरे सारे पिल्लों को जबरन ले गए।
मकान मालिक से रंजिस के चलते उठवा दिए श्वान
संगीता (Sangeeta Surana) ने बताया कि उसके मकान मलिक सुनील व्यास ने चुपचाप उपरोक्त लोगों को मेरे घर भेज दिया और जबरन घर में घुसा दिया। उसने बताया कि मकान मालिक से रंजिस के चलते उन्होंने संगीता के घर से उसके श्वान उठवा दिए। संगीता ने कहा जब तक उसके बच्चें नहीं मिलेंगे वो अनशन पर रहेगी। बुधवार को संगीता के अनशन के 11 दिन हो गए है उसकी हालत बद से बदतर होती जा रही है।
रातानाडा थाने में परिवाद दर्ज, कोई कारवाई नहीं
उसकी मदद के लिए wtp संस्थान जयपुर से जोधपुर पहुँच गई पर रातानाडा थाने में 28 नवम्बर को परिवाद दर्ज होने के बाद भी कोई कारवाई नहीं हुईं और अब हालात यह है की संगीता मरने के कगार पर है। इस मामले में बुधवार को संगीता के घर में जबरन घूसने वाले के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज हो गई। संगीता मामले को लेकर बुधवार को DSP कार्यालय के बाहर ही बेहोश भी हो गई परंतु पुलिस पर कोई प्रभाव नही पड़ा उलटा मामले में DSP पुलिस ने दोनों पार्टी को fir दर्ज कराने के लिए कह दिया। फ़िलहाल संगीता अनशन पर है और श्वान नही देने तक वो अनशन पर रहेगी।