न्यूयॉर्क. कई एप्स बिना आपकी इजाजत के आपसे जुड़ी निजी जानकारी फेसबुक को दे रहे हैं। इसमें आपकी सेहत से जुड़ी जानकारी भी शामिल है। इसका खुलासा वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में हुआ है। इस रिपोर्ट के अनुसार एप इवेंट नाम के एक विश्लेषण टूल के जरिए एप डेवलपर्स यूजर्स की हरकत और हलचल पर नजर रखते हैं और इसकी जानकारी फेसबुक को देते हैं। गैर फेसबुक यूजर्स की जानकारी भी फेसबुक को दी जाती है। इसका उदाहरण देते हुए जर्नल ने बताया कि फ्लो हेल्थ नामक एप के जरिए कैसे एक महिला अपने पीरियड्स और गर्भधारण की जानकारी हासिल कर पाती है। जब महिला अपने पीरियड्स की जानकारी एप को देती है तो यह सीधे फेसबुक को दी जाती है। जर्नल के परीक्षण में पाया गया कि डेटा की जानकारी और विज्ञापन आईडी प्रोफाइल से पूरी तरह मेल खाती है। फेसबुक के नियमों के अनुसार एप डेवलपर्स को संवेदनशील जानकारी उन्हें नहीं देनी चाहिए मगर फेसबुक इस जानकारी को दोनो हाथों स्वीकार कर रहा है। वह इस जानकारी पर ई आपत्ति भी दर्ज नहीं कर रहा है। बदले में फेसबुक इन एप्स को इनके टार्गेट यूजर्स तक लेकर जाता है। अपनी प्रतिक्रिया में फेसबुक ने कहा कि एप्स को अपने यूजर्स को बताना होगा कि उनकी कौन सी जानकारी फेसबुक को दी जा रही है और फेसबुक संवेदनशील जानकारी साझा करने पर रोक लगाता है। कंपनी ने कहा कि वह ऐसी जानकारी हटाने पर काम कर रही है जो डेवलपर्स को नहीं देनी चाहिए थी। गौरतलब है कि डेटा संवेदनशीलता और फेसबुक का नाता चोली-दामन का रहा है। कंपनी को इस विषय में कड़ी सख्ती देखने को मिल रही है। पिछले सप्ताह ही ब्रिटिश सरकार ने फेसबुक और अन्य टेक कंपनियों पर सख्त निजता नियमों से संबंधित रिपोर्ट पेश की थी। कैम्ब्रिज एनालिटिका विवाद के बाद फेसबुक डेटा संरक्षण को लेकर लगातार सवालों के घेरे में रहा है। इस कांड में फेसबुक ने 8.7 करोड़ यूजर्स का डेटा बिना उनकी इजाजत के साझा किया था। इस मामले में कार्रवाई जारी है और फेसबुक पर कई अरब डॉलर का जुर्माना लग सकता है।