नई दिल्ली। मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) (एमपीसी) (MPC) की अगली बैठक 9 October से शुरू होगी और इस बैठक के नतीजे 9 अक्टूबर को आने वाले हैं। इस बात की जानकारी केंद्रीय रिजर्व बैंक (Reserve bank of india) (आरबीआई) ने मंगलवार को दी है। ऐसे में अगर आप लोन की ब्याज दर के कम होने का इंतजार कर रहे हैं तो आपके लिए 9 अक्टूबर का दिन अहम हो सकता है।
लोन की ब्याज दर में कटौती!
फेस्टिव सीजन को देखते हुए ये बैठक काफी अहम है। इस दिन रेपो रेट (Repo Rate) के जरिए ये तय हो जाएगा कि लोन की ब्याज दर में कटौती होगी या नहीं। त्योहारी सीजन में लोग बड़े पैमाने पर लोन लेकर कार या घर की खरीदारी करते हैं। ऐसे में विशेषज्ञों द्वारा यह उम्मीद की जा रही है कि इस बार आरबीआई (RBI) ऐसे लोगों को तोहफा दे सकता है।
गर्वनर ने दिए थे रेपो रेट कटौती के संकेत
बीते दिनों आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Rbi Governor Shaktikanta Das) ने रेपो रेट (Repo Rate) कटौती के संकेत दिए थे। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए किए गए उपायों को जल्द नहीं हटाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर जरूरी फैसले लिए जाएंगे। आपको बता दें कि आरबीआई ने छह अगस्त को जारी नीतिगत समीक्षा में रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। केंद्रीय बैंक इससे पहले पिछली दो बैठकों में नीतिगत दर में 1.15 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। फिलहाल रेपो दर चार प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत है।
स्वतंत्र सदस्यों की नियुक्ति में देरी के कारण बैठक टली
रिजर्व बैंक ने 28 सितंबर को एमपीसी की बैठक को आगे के लिए टाल दिया था। समिति में स्वतंत्र सदस्यों की नियुक्ति में देरी के कारण बैठक को आगे टालना पड़ा। सरकार ने एमपीसी में तीन सदस्यों की नियुक्ति कर दी है। तीन जाने माने अर्थशास्त्रियों अशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिडे को एमपीसी का सदस्य नियुक्त किया गया है। इन सदस्यों की नियुक्ति चेतन घाटे, पामी दुआ, रविन्द्र ढोलकिया के स्थान पर की गई है। इनका कार्यकाल सितंबर में पूरा हो गया था।
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