असली कंपनी के वेबसाइट से क्रास चेक जरूर करें
ध्यान से देखने पर आपको पता चलेगा कि इस मैसेज के यूआरएल में व्हाट्सऐप के ऑफिशियल डोमेन का एड्रेस नहीं है। हो सकता है थर्ड पार्टी के जरिए किसी बिजनेस को प्रमोट किया जा रहा हो। ऐसे में जरूरी है कि ऐसे प्रमोशन वाले मैसेज को असली कंपनी की वेबसाइट से क्रास चेक जरूर किया जाए। क्योंकि ऐसा कोई भी मैसेज असली कंपनी की वेबसाइट पर जरूर दिया गया होगा।
बड़े गिफ्ट का लालच देकर 30 शेयरिंग का झांसा
यदि आप ऐसे किसी मैसेज वाले लिंक पर क्लिक करेंगे तो आपको ऐसे पेज फार्वर्ड किया जाएगा जहां आपसे एक सर्वे के लिए कई सवालों के जवाब मांगे जाएंगे। जैसे ही आप इन सवालों के जवाब दे देंगे, आपको किसी बड़े गिफ्ट का लालच देकर आपसे 30 और लोगों से इस लिंक को शेयर करने को कहा जाएगा। रिसर्चरों का कहना है कि यह सब बहुत ही चालाकी से किसी अभियान को बूस्ट करने का तरीका है जिसमें भोले-भाले यूजर्स को झांसा देकर बड़ी धूर्तता से अपना काम निकलवाया जाता है।
क्लिक फ्राड से कमाते हैं, झांसा देकर ठगते हैं पैसे
ईसेट ने चेतावनी दी है कि साइबर ठगों का मुख्य उद्देश्य क्लिक करवाना होता है ताकि इन बोगस स्कीमों से फ्राॅड क्लिक करवा कर पैसे बनाए जा सकें। ये ठग एक ही डोमेन से कई फेमस कंपनियों के नाम पर अकसर ऐसे अभियान चलाते रहते हैं। ये कभी एडीडास तो कभी नेस्ले तो कभी रोलेक्स जैसे फेमस ब्रांड के नाम पर फ्राॅड करते हैं। गिफ्ट अनलाॅक करने के चक्कर में कई बार यूजर्स अपने स्मार्टफोन पर प्रीमियम साइट पर लाॅगिन या महंगे एसएमएस या फिर थर्ड पार्टी ऐप इंस्टाल करने के झांसे में आकर पैसे गंवा देते हैं।