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पेयजल संकट पर सख्त हुए जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत पुष्कर क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति को लेकर अधिकारियों की ली क्लास, तत्काल समाधान के दिए निर्देश

जयपुर। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने शुक्रवार को उपखण्ड कार्यालय, पुष्कर में पेयजल आपूर्ति को लेकर महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के पीएचईडी विभाग के समस्त अधिकारी उपस्थित रहे, जिसमें पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के शहर और गांवों में पेयजल संकट की गंभीरता को देखते हुए मंत्री रावत ने अधिकारियों से सीधा संवाद करते हुए जन समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की।

 

बैठक के दौरान जब अधिकारियों ने पुष्कर शहर में मात्र एक टैंकर से पेयजल आपूर्ति की जानकारी दी, तो मंत्री रावत ने तीखी नाराजगी जाहिर की और संबंधित सहायक अभियंता को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि भीषण गम के समय में, तीर्थ नगरी पुष्कर जैसे विशेष महत्व के शहर के लिए मात्र एक टैंकर की व्यवस्था बेहद असंवेदनशील और गैर-जिम्मेदाराना है। रावत ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि समस्त जनप्रतिनिधियों से समन्वय कर शहर के सभी वार्डों तथा ग्राम ढाणियों में मांग अनुसार पेयजल टैंकरों की तुरंत व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही, पशुओं के लिए खेलियो में भी पर्याप्त पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

 

उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑफिशियल कार्रवाई के बहाने अब नहीं चलेंगे। अधिकारी फील्ड में जाएं, एसी कमरों से निकलें और धरातल पर जाकर समस्याओं का समाधान करें।

 

 

मंत्री रावत ने कहा कि आमजन से बार-बार गंदे पानी की आपूर्ति की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। इस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल आपूर्ति के लिए अधिकारियों की प्रोजेक्ट, सप्लाई, जेजेएम आदि के नाम पर क्षेत्र वासियों की समस्याओ को एक-दूसरे पर टालने की प्रवृत्ति अब नहीं चलेगी। सभी अधिकारी आपसी समन्वय से कार्य करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति किसी भी अधिकारी से शिकायत करे, उसका समाधान तत्काल हो।

 

मंत्री रावत ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) के अंतर्गत अधूरे पड़े कार्यों को त्वरित गति से पूर्ण करने के निर्देश दिए। जहां कार्य पूर्ण हो चुका है, वहां तुरंत प्रभाव से पेयजल सप्लाई चालू की जाए। आवश्यकता अनुसार नए हेडपंप एवं ट्यूबवेल लगाए जाएं तथा खराब पड़े सभी हेडपंप व ट्यूबवेल सात दिन के भीतर अभियान चलाकर ठीक किए जाएं।

 

उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि यदि ग्राम स्तर पर पेयजल समाधान संभव है, तो प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति हेतु भिजवाएं।

 

रावत ने निर्देशित किया कि प्रत्येक अधिकारी अपने क्षेत्र में किए गए कार्यों, क्षेत्रवासियों से प्राप्त समस्याओं के समाधान एवं पेयजल आपूर्ति की साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। विभागीय लापरवाही और ढीली कार्यशैली को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

मंत्री रावत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जनता की पेयजल संबंधी समस्याओं के समाधान में किसी भी प्रकार की लापरवाही या बहानेबाजी अब नहीं चलेगी। अधिकारी तत्परता से कार्य करें, अन्यथा सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

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