मुंबई। वोडाफोन समूह (Vodaphone Group) और आदित्य बिड़ला समूह (Aditya birla Group) के साझे उपक्रम वाली कंपनी वोडाफोन आइडिया दूरसंचार (Company Vodafone Idea Telecom) टावर कंपनियों का जून महीने का किराया और बिजली बिल चुकाने में नाकाम रही हैं। एक टावर कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक वोडाफोन आइडिया (Vodafone idea) ने कहा है कि भारत सरकार को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का बकाया चुकाने की वजह से उसे नकदी की किल्लत हो गई और वह किराया नहीं चुका पाई।
कुल बकाया सैकड़ों करोड़ रुपये हो गया
अधिकारी ने बताया, ‘कंपनी आम तौर पर हर महीने की 3 तारीख को किराया चुका देती है। लेकिन इस महीने हमें कुछ नहीं मिला है। सभी दूरसंचार टावर कंपनियों पर वोडाफोन आइडिया (Vodafone idea) का कुल बकाया सैकड़ों करोड़ रुपये हो गया है।’ उन्होंने कहा कि इसका असर टावर कंपनियों पर भी पड़ सकता है क्योंकि उन्हें भी ईंधन कंपनियों समेत कई आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान करना होता है।
भारत सरकार को 54,000 करोड़ रुपये का बकाया चुका
भारत सरकार को 54,000 करोड़ रुपये का बकाया चुकाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद से वोडाफोन आइडिया की माली हालत बिगड़ गई है। पिछले वित्त वर्ष में उसे 73,131 करोड़ रुपये का घाटा हुआ और उसकी आय केवल 44,715 करोड़ रुपये रही। वोडाफोन आइडिया की प्रतिक्रिया लेने के लिए उसे ई-मेल भेजा गया मगर खबर लिखे जाने तक उसका जवाब नहीं आया था।
Vodafone idea ने जून तिमाही में गंवाए 1.5 करोड़ ग्राहक
कंपनी से महंगे दूरसंचार प्लान लेने वाले कॉर्पोरेट ग्राहक भी छिटककर भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और रिलायंस जियो (Reliance JIO) के पास जा रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी ने जून तिमाही में करीब 1.5 करोड़ ग्राहक गंवा दिए। मार्च 2020 में समाप्त वित्त वर्ष में कंपनी के करीब 11.7 करोड़ ग्राहक कम हो गए और केवल 29.1 करोड़ ग्राहक रह गए।
करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज
कंपनी को करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज देने वाले बैंक भी उसका बढ़ता घाटा और घटते ग्राहक देखकर घबरा गए हैं। बैंकरों का कहना है कि कंपनी की तरलता की स्थिति खराब रहने का अंदेशा है क्योंकि परिचालन में घाटा होने की वजह से नकदी नहीं आ रही है, एजीआर का अच्छा खासा बकाया है और भारी-भरकम कर्ज भी उसे चुकाना है।