जयपुर। वीवो इंडिया (Vivo India) ने अपनी इंडिया इंपैक्ट रिपोर्ट का दूसरा एडिशन लॉन्च किया, जो भारतीय बाजार के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। 2022 में थाईलैंड और सऊदी अरब में अपना पहला ‘मेड इन इंडिया’ स्मार्टफोन शिपमेंट भेजने के बाद, वीवो ने अपनी इंडिया इम्पैक्ट रिपोर्ट 2022 में कहा है कि वह 2023 में एक मिलियन से अधिक ‘मेड इन इंडिया’ स्मार्टफोन निर्यात करने की राह पर है।
₹7500 करोड़ की प्रस्तावित निवेश योजना
अपनी ₹7500 करोड़ की प्रस्तावित निवेश योजना के हिस्से के रूप में, वीवो 2023 के अंत तक ₹3,500 करोड़ के पहले चरण के निवेश को पूरा करने के रास्ते पर है, जो 2024 में अपनी नई ‘अत्याधुनिक’ मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी में अथॉरिटी से आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद प्रोडक्शन शुरू करने देगा। नई फैसिलिटी लगभग 169 एकड़ में फैली हुई है और इसके सभी चरणों के पूरा होने के बाद भविष्य में हर वर्ष लगभग 120 मिलियन स्मार्टफोन का प्रोडक्शन करने की क्षमता होगी।
100 मिलियन वीवो स्मार्टफोन ओनर्स का दिल जीता
वीवो इंडिया ने पहले ही ₹2,400 करोड़ का निवेश किया है और अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाने और भारत को ग्लोबल एक्सपोर्ट हब बनाने के सरकार के विजन को सपोर्ट करने के लिए 2023 के अंत तक ₹1,100 करोड़ का निवेश किए जाने की उम्मीद है। वीवो इंडिया इंपैक्ट रिपोर्ट 2022 (Vivo India Impact Report 2022) का अनावरण के समय उत्साह व्यक्त करते हुए वीवो इंडिया के ब्रांड स्ट्रेटजी हेड योगेंद्र श्रीरामुला ने कहा, “वर्ष 2023 में हमने भारत में अपनी 9 साल की यात्रा पूरी की है। टेक्नोलॉजिकली एडवांस्ड और इनोवेटिव ऑफरिंग्स की मदद से, हमने 100 मिलियन वीवो स्मार्टफोन ओनर्स का दिल जीत लिया है, और लगभग 1.6 मिलियन भारतीयों के जीवन पर सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पैदा किया है।
वीवो के 100 प्रतिशत मदरबोर्ड असेंबली भारत में
सरकार की पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अनुरूप, वीवो के 100 प्रतिशत मदरबोर्ड असेंबली भारत में हो रही है। इसके अलावा, वीवो अपनी 95 प्रतिशत बैटरी और 70 प्रतिशत चार्जर कंपोनेंट लोकल लेवल पर खरीदता है। इसके अलावा, भारत में बेचा जाने वाला प्रत्येक वीवो स्मार्टफोन भारत में निर्मित होता है।