मुंबई| मंदी की सुगबुगाहट के बीच अमेरिकी रिटेल दिग्गज मैसीज ने अपना तकनीकी काम संभालने वाली कंपनियों (टेक वेंडरों) को बताया है कि इस साल वह अपने आईटी बजट में 10-15 फीसदी कटौती कर रही है। जानकार सूत्रों ने कहा कि कंपनी के इस निर्णय का असर नई परियोजनाओं पर भी पड़ेगा, जिनमें अब देर हो सकती है।
मैसीज के साथ काम करने वाली प्रमुख आईटी कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इन्फोसिस और एक्सेंचर शामिल हैं। इन कंपनियों के शीर्ष 5 से 10 ग्राहकों में मैसीज का नाम आता है।
आईटी खर्च में कटौती का ईमेल पाने वाली एक कंपनी से जुड़े सूत्र ने बताया, ‘मैसीज ने अपने सभी वेंडरों को लिखा है कि लागत पर काबू के लिए वह खर्च घटा रही है। गैर-जरूरी खर्चों में 10 से 15 फीसदी कमी आएगी। अभी जारी परियोजनाओं पर काम चलता रहेगा मगर सभी नई परियोजनाएं प्रभावित होंगी।’
मैसीज को इसकी पुष्टि के लिए भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया। एक्सेंचर और टीसीएस को भी ईमेल भेजा गया मगर जवाब नहीं आया। इन्फोसिस के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम ग्राहक के साथ हुए करार पर टिप्पणी नहीं करते।’ कॉग्निजेंट इंडिया के सीएमडी राजेश नांबियार ने इस मामले में कुछ कहने से इनकार कर दिया।
मैसीज पहली अमेरिकी रिटेलर है, जिसने खर्च घटाने का ऐलान किया है। मंदी के खटके की चर्चा के बीच अमेरिका के कई रिटेलरों पर मुद्रास्फीति का दबाव देखा जा रहा है, जिससे उनका मुनाफा और बिक्री प्रभावित हो रही है। इस हफ्ते की शुरुआत में वॉलमार्ट ने मुद्रास्फीति को देखते हुए तिमाही और पूरे साल के मुनाफे का अनुमान घटा दिया था क्योंकि ग्राहक अनावश्यक खर्च से परहेज कर रहे हैं। कनाडा की शॉपिफाई ने ऑनलाइन बिक्री में कमी देखकर 10 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया था।