जयपुर। संक्रमण काल (Corona Crisis) के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर पत्रकार (journalists) ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रहे हैं। ऐसे में कई पत्रकारों के कोरोना (Corona Infected) से संक्रमित होने की खबरें भी सामने आई हैं, जिनमें कई पत्रकारों की तो जान तक चली गई है। ऐसे में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने राज्य के पत्रकारों के परिवार के हित में एक अहम फैसला लिया है।
कोरोना संक्रमण से पत्रकार की मौत पर परिजनों को दस लाख की सहायता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में मान्यता प्राप्त पत्रकारों को प्रतिवर्ष पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जाएगा। साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण से किसी पत्रकार की मौत होने पर उसके परिजनों को को दस लाख सरकार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने ये घोषणाएं राजधानी में नवनिर्मित पंडित दीन दयाल उपाध्याय सूचना परिसर भवन के उद्घाटन के दौरान कीं।
मीडिया की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता
उन्होंने कहा कि सूचना विभाग शासन और प्रशासन के कार्यों को मीडिया तक पहुंचाने के लिए एक सेतु का काम करता है। उन्होंने कहा, ‘किसी भी सरकार के कार्यों का आम जनमानस तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय होता है। शासन का काम योजनाएं बनाना होता है प्रशासन उसे विभिन्न माध्यमों से आम जन तक पहुंचाता है, लेकिन जनता, शासन और प्रशासन के बीच में एक महत्तवपूर्ण सेतु के रूप में मीडिया की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता।
प्रतिवर्ष पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को राज्य सरकार (Up Government) प्रतिवर्ष पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर (Health insurance cover to journalists) देगी। इसके अलावा कोरोना वायरस संक्रमण से किसी पत्रकार की मृत्यु होने पर उसके परिजन को दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता दे जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में मीडियाकर्मी काम कर रहे है और पत्रकारों को पूरी सुरक्षा और जागरुकता के साथ काम करते हुए संक्रमण से बचना चाहिए।
इन्सेफलाइटिस जानलेवा बीमारी समाप्त
योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि राज्य में इन्सेफलाइटिस (Encephalitis fatal disease ends) कुछ साल तक एक जानलेवा बीमारी थी जो धीरे धीरे पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश को अपनी चपेट में ले चुकी थी, लेकिन प्रधानमंत्री स्वच्छता मिशन कार्यक्रमों और प्रदेश सरकार की योजनाओं की बदौलत इस बीमारी को समाप्त करने में सफलता मिली।