राज्यपाल एवं कुलाधिपति की अध्यक्षता में कुलपति संवाद आयोजित
जयपुर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने आह्वान किया है कि विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति को बेहतर ढंग से लागू करते हुए वैश्विक स्तर पर उच्च शिक्षा में हो रहे बदलावों को अपनाएं और वैश्विक रैंकिंग में अग्रणी स्थान बनाने के लिए कार्य करें।
राज्यपाल श्री मिश्र शुक्रवार को राजभवन में विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित कुलपति संवाद में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जो राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालय यूजीसी अधिनियम की धारा 12-बी की सूची में नहीं है, वे इसमें शामिल होने के लिए यथोचित कार्यवाही करें ताकि उन्हें केन्द्र सरकार व अन्य संस्थाओं द्वारा दी जाने वाली सहायता सुमचित रूप से प्राप्त हो सके।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने स्तर पर शोध की संस्कृति विकसित कर मौलिक और नई स्थापनाएं दे सकें, इस उद्देश्य से उच्च शिक्षा में एक शीर्ष निकाय के रूप में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की पहल की गयी है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में व्यावहारिक सोच, कौशलपरक, व्यावसायिक एवं मूल्य आधारित शिक्षा तथा उद्योगों से जुड़ाव पर विशेष रूप से बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें उद्योगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर विषय विशेष के अध्ययन के साथ दूसरे विषयों की बुनियादी समझ विकसित करने पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि देश में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद इसे लागू करने की दिशा में पहल करने वाले राज्यों में राजस्थान अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने स्तर पर बहुत से नवाचारों के साथ नई शिक्षा नीति को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, यह प्रसन्नता की बात है।
सभी कुलपतियों ने बैठक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने की दिशा में हुई प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कई विश्वविद्यालयों में प्रथम वर्ष में नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई है। नए पाठ्यक्रम तैयार किए जाने, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ डुअल डिग्री पाठ्यक्रम, विद्यार्थी आदान-प्रदान, इंडस्ट्री इंस्टीट्यूट इंटरेक्शन, ह्यूमन डवलपमेंट सेल, आइडिया डवलपमेंट सेल, रिसर्च एण्ड डवलपमेंट सेल, पेटेंट डवलमेंट सेल, आइडिया डवलमेंट सेल सहित विभिन्न बिन्दुओं पर कुलपतियों द्वारा जानकारी दी गई।
राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री सुबीर कुमार ने कुलपति संवाद में कहा कि विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात मौजूदा 28 प्रतिशत से बढ़ाकर आगामी वर्षों में 50 प्रतिशत तक ले जाने के लक्ष्य को लेकर कार्य करें।
राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी श्री गोविन्दराम जायसवाल ने विश्वविद्यालयों में विभिन्न उपाधियों में वर्षवार पाठ्यक्रमों की समरूपता लाए जाने और चार वर्षीय शोध आधारित स्नातक पाठ्यक्रमों के बारे में सुझाव दिए।
राज्यपाल सलाहकार समिति के सदस्य प्रो. ए.के. गहलोत ने नई शिक्षा नीति में नवाचार की संभावनाओं, ई-पीजी पाठशाला, ई-पाठ्य, मूक्स, ई-अध्ययन, स्वयम् पोर्टल के बारे में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी।
कुलपति संवाद में प्रोफेसर ऑफ प्रेक्टिस से संबंधित प्रावधानों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के कार्यों में विद्यार्थियों द्वारा श्रमदान एवं सहयोग को क्रेडिट स्कोर से जोड़कर उन्हें श्रमदान के लिए प्रेरित करने का सुझाव भी दिया गया।
बैठक में राजस्थान के राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण एवं राजभवन के अधिकारीगण शामिल हुए।