जयपुर, जोधपुर, अजमेर, पाली, बालोतरा, भिवाड़ी, कोटा, सीकर सहित कई जगहों के रीजनल मैनेजर बदले
जयपुर. एक तरफ राजस्थान सरकार उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए एमनेस्टी स्कीम चला रही है वहीं दूसरी तरफ साल में दूसरी बार रीको विभाग के यूनिट हैड्स को इधर-उधर करके उद्यमियों की परेषानी को ओर बढ़ा दिया है। गौरतलब है कि 1 जुलाई को ही हैड ऑफिस से यूनिट हैड को उद्यमियों के फाइलों के निस्तारण हेतु अधिकार दिए थे परंतु अचानक रीको के मुख्य जगहों से यूनिट हैड्स के तबादलें कर दिए हैं।
रीको विभाग भले ही उद्यमियों को निवेष के लिए बड़े-बड़े सपने दिखाता है परंतु हकीकत में रीको में किसी भी तरह के कार्य निष्पादन में महीनों लगते हैं। इसकी वजह रीको के सख्त नियम है। रीको में आवंटन के बाद पजेषन, लीज, किष्तों में पेमेंट, बिजली-पानी कनेक्षन, जिला उद्योग केन्द्र रजिस्ट्रेषन आदि के लिए उद्यमियों को महीनों इंतजार करना पड़ता है। एसएसओ रजिस्ट्रेषन के बाद भी हरेक आवेदन के लिए यूनिट ऑफिस से क्लीयरेंस लेनी होती है ऐसे में उद्योग विभाग ने अचानक यूनिट हैड्स को इधर-उधर करके उद्यमियों को बड़ा झटका दिया है। इससे विभाग को क्या फायदा होगा ये तो कहा नहीं जा सकता परंतु उद्यमियों के लिए फिर से समस्या खड़ी हो गई है। खुद उद्योग मंत्री मानती हैं कि देश के विकास में उद्योग महत्वपूर्ण कड़ी है। राज्य सरकार प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना और उनके सर्वार्गीण विकास के लिए प्रतिबद्ध भी है ऐसे में एमनेस्टी स्कीम का फायदा हरेक उद्यमी को नहीं मिले तो ये सरकार की गलत नीति का परिणाम है।
कैसे प्रभावित होगी एमनेस्टी स्कीम
– सप्ताह में पांच दिन कार्य और अगस्त-सितम्बर में सरकारी छुट्टियां तो स्कीम का लाभ लेने के लिए अब उद्यमियों के पास 40 दिन भी नहीं है तो ऐसे में योजना का लाभ लेने से सैकड़ों उद्यमी वंचित रह सकते हैं।
– यूनिट हैड इधर-उधर होने से नए अधिकारी फिर से हर फाइल को प्रोसिजर और एग्जामिन करेंगे तो ऐसे में उद्यमियों का समय ओर ज्यादा लगेगा
-औद्योगिक एरिया और यूनिट ऑफिस की दूरी भी एक बहुत बड़ा कारण है उद्यमियों का कार्य समय पर नहीं होने का। यूनिट हैड को कई जगह मौका निरीक्षण अनिवार्य होता है तो ऐसे में फाइलों के निस्तारण के लिए एमनेस्टी योजना के लिए समय कम है।