फाडा ने कहा कि निकट भविष्य में स्थिति में सुधार की संभावना नहीं दिख रही है, जिसकी वजह से और शोरूम बंद हो सकते हैं तथा छंटनी का सिलसिला जारी रह सकता है। फाडा के अध्यक्ष आशीष हर्षराज काले ने कहा, ‘बिक्री में गिरावट की वजह से डीलरों के पास श्रमबल में कटौती का ही विकल्प बचा है।’ काले ने कहा कि सरकार को वाहन उद्योग को राहत देने के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती जैसे उपाय करने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अभी ज्यादातर छंटनियां फ्रंट एंड बिक्री में हो रही है, लेकिन सुस्ती का यह रुख यदि जारी रहता है तो तकनीकी नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं.’
कितनी नौकरियों की कटौती हुई
यह पूछे जाने पर कि देशभर में डीलरशिप में कितनी नौकरियों की कटौती हुई है, काले ने कहा कि अभी तक दो लाख लोगों को बाहर किया गया है। देशभर में 15,000 डीलरों द्वारा परिचालित 26,000 वाहन शोरूमों में करीब 25 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है। इसी तरह 25 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से इस क्षेत्र में रोजगार मिला है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन माह के दौरान डीलरशिप से दो लाख श्रमबल को कम किया गया है। इससे पहले इस साल अप्रैल तक 18 माह की अवधि में देश में 271 शहरों में 286 शोरूम बंद हुए हैं, जिसमें 32,000 लोगों की नौकरी गई थी। दो लाख नौकरियों की यह कटौती इसके अतिरिक्त है।
अच्छे चुनावी परिणाम और बजट के बावजूद वाहन क्षेत्र में सुस्ती
काले ने कहा कि अच्छे चुनावी परिणाम और बजट के बावजूद वाहन क्षेत्र में सुस्ती है। इस साल मार्च तक डीलरों ने श्रमबल में कटौती नहीं की थी, क्योंकि हमें लग रहा था कि यह सुस्ती अस्थायी है। लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। इस वजह से डीलरों ने श्रमबल में कमी करनी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, ‘हम कर्मचारियों के प्रशिक्षण में काफी निवेश करते हैं। ऐसे में कर्मचारियों को हटाना आखिरी विकल्प है।’ वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में सभी श्रेणियों में वाहनों की बिक्री 12.35 प्रतिशत घटकर 60,85,406 इकाई रह गई। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में वाहन बिक्री 69,42,742 इकाई रही थी।