नई दिल्ली: सरकार जल्द ही रूस और भारत के बीच स्थानीय मुद्राओं में व्यापार की अनुमति दे सकती है। मामले के जानकार कई लोगों ने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्घ के बीच यह कदम उठाया जा रहा है ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार में किसी तरह की बाधा न आए।
वाणिज्य मंत्रालय ने इस बारे में एक प्रस्ताव की अनुशंसा की है जिस पर आर्थिक मामलों के विभाग और वित्तीय सेवाओं के विभाग के साथ विचार-विमर्श के बाद वित्त मंत्रालय द्वारा घोषणा की जाएगी।सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘वित्त मंत्रालय दोनों मुद्राओं के साथ किस तरह से कारोबार किया जा सकता है, उस बारे में निर्णय लेगा।’
रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद पश्चिमी देशों ने रूस के कई बैंकों पर रोक लगा दी है और उन्हें स्विफ्ट से भी बाहर कर दिया गया है। इससे निर्यातकों का करीब 40 करोड़ डॉलर का भुगतान फंसने की आशंका है। इस हफ्ते की शुरुआत में वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने उनकी चिंताओं को समझने के लिए निर्यातकों के साथ चर्चा की थी। कई खरीदारों ने अन्य विदेशी मुद्रा या तीसरे पक्ष या देश से भुगतान करने में असमर्थता जताई थी। उन्होंने रूस की मुद्रा रूबल में भुगतान करने की इच्छा जताई थी। मामले के जानकार एक शख्स ने बताया कि सरकार रूबल में भुगतान करने और रूबल में भुगतान प्राप्त करने पर सभी निर्यात लाभ की मंजूरी देने की संभावना का मूल्यांकन कर रही है।