जयपुर। पूरा देश महंगाई (inflation) की मार से जूझ रहा है। मोदी सरकार (modi government) महंगाई (inflation) की इस महामारी को रोकने में नाकाम साबित हुई है। देश के लगभग तमाम बड़े शहरों में टमाटर की खुदरा कीमतें (tomoto price) बढ़कर 60-70 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गयी हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान (Union Minister of Consumer Affairs Ramvilas Paswan) ने कहा इस मौसम में टमाटर के खराब होने की संभावना अधिक रहती है।
Metro city में ये हैं दाम
मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, चेन्नई के अलावा मेट्रो शहरों (metro city) में टमाटर की खुदरा कीमतें 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ गई, जो एक महीने पहले लगभग 20 रुपये प्रति किलो थी। कुछ स्थानों पर, टमाटर 70-80 रुपये प्रति किलो के भाव बेचा जा रहा है। गुड़गांव, गैंगटॉक, सिलीगुड़ी और रायपुर में टमाटर 70 रुपये प्रति किलो के भाव बिक रहा है, जबकि गोरखपुर, कोटा और दीमापुर में 80 रुपये प्रति किलोग्राम का भाव है।
फसल का समय नहीं होने कीमतें अधिक
आंकड़ों के अनुसार, उत्पादक राज्यों में भी, हैदराबाद में कीमत मजबूत होकर 37 रुपये प्रति किलोग्राम है, चेन्नई में 40 रुपये किलो और बंगलूरू में 46 रुपये किलो है। बढ़ती कीमतों के बारे में पूछे जाने पर, पासवान ने कहा कि, ‘फसल का समय नहीं होने के कारण आम तौर पर, जुलाई से सितंबर के दौरान टमाटर की कीमतें अधिक रहती हैं। टमाटर के जल्द खराब होने के गुण के कारण, इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव अधिक होता है।’
देश में सालाना एक करोड़ 97 लाख टन टमाटर का उत्पादन
उन्होंने कहा कि आपूर्ति सुधरने के बाद कीमतें सामान्य स्तर पर आ जाएंगी। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि आम तौर पर ऊपज का समय नहीं होने के कारण सामान्य तौर पर टमाटर की कीमतों में तेजी आती है और पिछले पांच साल के आंकड़ों का यही रुझान है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, पंजाब, तमिलनाडु, केरल, जम्मू और कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश देश के कम टमाटर उत्पादन करने वाले राज्य हैं। वे आपूर्ति के लिए अधिक उत्पादन करने वाले राज्यों पर निर्भर करते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में सालाना लगभग एक करोड़ 97 लाख टन टमाटर का उत्पादन होता है, जबकि खपत लगभग एक करोड़ 15 लाख टन है।