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Assembly elections in the state with increased election expenditure limit of candidates to Rs 40 lakh

इस बार इलेक्शन के लिए मंगाई गई रिकॉर्डतोड़ चुनावी स्याही, कंपनी की होगी इतने की कमाई

किसी भी चुनाव में मतदाता को अपना वोट देने से पहले एक खास प्रक्रिया से गुजरना होता है। ये है अपनी तर्जनी ऊंगली में चुनाव की स्याही लगवाना। तर्जनी के नाखून के अंतिम सिरे से लेकर नीचे की स्किन को कवर करती इस स्याही का इतिहास देश के लोकतंत्र जितना ही पुराना और दिलचस्प है। वोटर की स्याही का कंसेप्ट देने का श्रेय देश के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन को जाता है हालांकि शुरुआती चुनावों में स्याही की बजाए डाई का इस्तेमाल हुआ था। इसके बाद बाकायदा स्याही की खोज हुई जिसका इस्तेमाल केवल और केवल चुनावों के दौरान वोटरों पर होने लगा। ये कागज पर लिखने के लिए उपयोग होने वाली आम स्याही नहीं इसमें सिल्वर नाइट्रेट नामक तत्व होता है जो स्किन पर लगते ही स्किन पर मौजूद सॉल्ट से प्रतिक्रिया कर एकदम पक्का हो जाता है।
पहली बार इस खास इंक का इस्तेमाल साल 1962 के लोकसभा चुनाव में हुआ था जिसके बाद से ये हर चुनाव का अहम हिस्सा हो गया। वैसे तो स्याही का दाग लगभग 15 दिनों में हल्का पड़ जाता है लेकिन इसे पूरी तरह से जाने में तीन महीने लग जाते हैं जब तक नाखून बढ़ने पर कतर न दिया जाए।

चुनाव आयोग ने इस बार मंगाई है रिकॉर्ड स्याही

इस बार इस चुनावी स्याही की डिमांड बढ़ी है। कर्नाटक सरकार के अंतर्गत आने वाली मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड को भारतीय निर्वाचन आयोग की ओर से आने वाले चुनावों के लिए न मिटने वाली 26 लाख शीशियों का ऑर्डर दिया गया है। मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड इस न मिटने वाली स्याही की आपू्र्ति करने वाली अकेली कंपनी है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक ख़बर के मुताबिक इससे कंपनी को 33 करोड़ रुपये की कमाई की आशा है।

पिछली बार से डेढ़ गुनी ज्यादा

इस अख़बार से बात करते हुए मैसूर पेंट्स एंड वार्निश कंपनी के जनरल मैनेजर (मार्केटिंग) सी हर कुमार ने कहा कि इस स्याही की हर शीशी में 10मिलीलीटर स्याही होती है। जिससे करीब 700 लोगों की उंगलियों पर निशान लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा पिछले लोकसभा चुनावों में हमने 22 लाख इस स्याही की 22 लाख शीशियां बेची थीं। बढ़ी हुई इस डिमांड का कारण वोटर्स की संख्या में बढ़ोत्तरी को माना जा रहा है। 2014 के मुकाबले इस बार के आम चुनावों में वोटर्स की संख्या 8.2 करोड़ ज्यादा है। 2019 के आम चुनावों में कुल वोटर्स की संख्या 89.7 करोड़ है। इस स्याही का प्रोडक्शन 7 जनवरी से शुरू हो गया था और इसका पहली खेप कुछ ही दिनों में भेज दिए जाने की आशा है।

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