नई दिल्ली। सरकार क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) (आभासी मुद्रा) धारकों को अपना निवेश निकालने के लिए उपाय का प्रावधान करने पर विचार कर रही है। असल में सरकार का मानना है कि आभासी मुद्राओं (Cryptocurrency) पर प्रतिबंध लगाने से लाखों निवेशकों का पैसा फंस सकता है, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों से इसमें निवेश किया है। सूत्रों के अनुसार सरकार आभासी मुद्रा (Cryptocurrency) की खरीद-बिक्री, माइनिंग और उसे जारी करने पर प्रतिबंध लगाने से पहले निवेशकों को 3 से 6 महीने की मोहलत का प्रस्ताव कर सकती है।
आभासी मुद्रा को प्रतिबंधित किए जाने के असर
समझा जाता है कि मार्च मध्य में कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों के समूह की बैठक में आभासी मुद्रा को प्रतिबंधित किए जाने के असर आदि पर विचार-विमर्श किया गया था। सूत्रों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve bank of India) सहित कई हितधारकों ने वर्चुअल मुद्रा को लेकर जताई चिंता पर भी चर्चा की गई। बैठक में क्या नतीजा निकला उसकी जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन आभासी मुद्रा पर प्रतिबंध लगाने से निवेशकों को होने वाले संभावित नुकसान पर चर्चा किए जाने की उम्मीद है। घटनाक्रम के जानकार एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘समिति इस मामले में अपनी राय देगी जिसका संबंधित मंत्रालयों और विभाग द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा। उसके बाद आभासी मुद्रा पर कैबिनेट प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा।’
आभासी मुद्रा का नियमन किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा नहीं किया जाता
अधिकारी ने कहा कि आभासी मुद्रा का नियमन किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा नहीं किया जाता है। ऐसे में नई व्यवस्था से इस तरह की मुद्रा के नियमन में स्पष्टता आएगी। हालांकि नियमन और प्रतिबंध के अंतर को संबंधित प्रारूप में ध्यान रखा जाएगा। सूत्रों ने कहा कि अगर आभासी मुद्रा को अवैध करार दिया जाता है तो ऐसा करने से पहले कुछ मोहलत दी जाएगी, क्योंकि इस कदम से बाजार में हड़कंप मच सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को आभासी मुद्रा के फायदे-नुकसान के बारे में कई सुझाव मिले हैं। कुछ सुझाव उचित हैं।
आभासी मुद्रा पर पूरी तरह से पाबंदी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने भी कहा था कि भारत आभासी मुद्रा या ब्लॉकचैन और फिनटेक पर सभी विकल्पों को बंद नहीं करने जा रहा है। हालंकि इससे पहले तक उन्होंने आभासी मुद्रा पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने की बात कह रही थी क्योंकि इसमें बेतरतीब तरीके से भारी उतार-चढ़ाव होता है।