जयपुर। शैक्षणिक गतिविधियों में तकनीक की भागीदारी वाले एडटेक क्षेत्र (Edtech sector) ने वर्ष 2020 में सब कुछ देखा। यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर वाली) और डेकाकॉर्न (10 अरब डॉलर वाली) कंपनियों के अलावा स्टार्टअप के विलय एवं कानूनी लड़ाइयां तक सब कुछ देखने को मिला। हालांकि ऑनलाइन शिक्षा गत 15 वर्षों से भी अधिक समय से वजूद में है लेकिन वर्ष 2020 को इस क्षेत्र के लिए मील के पत्थर के तौर पर जाना जाएगा। बीते साल कोविड-19 महामारी (Covid-19 pandemic) की वजह से छात्र एवं उनके मां-बाप ई-लर्निंग को अपनाने के लिए मजबूर हुए क्योंकि स्कूल-कॉलेजों के बंद होने से पढ़ाई जारी रखने के लिए यही एकमात्र तरीका बचा था।
क्लासरूम में तकनीक का अहम स्थान
भले ही दुनिया आने वाले समय में महामारी के असर से निजात पा लेगी लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन पढ़ाई अब हमारे जीवन का अविभाज्य हिस्सा बनने जा रही है। इस तरह क्लासरूम में पढ़ाई के साथ-साथ ई-लर्निंग का भी एक हाइब्रिड मॉडल बना रह सकता है।
भौतिक एवं डिजिटल दुनिया दोनों के ही बेहतरीन गुणों का लाभ
तेजी से उभरे एडटेक (Edtech sector) स्टार्टअप बैजूस (byjus app) के मुख्य परिचालन अधिकारी मृणाल मोहित कहते हैं, ‘भविष्य में हमें एक शिक्षक-कई छात्र वाले परंपरागत रवैये के साथ एक शिक्षक-एक छात्र वाले अनुभव का भी मेल होगा जिससे छात्रों को भौतिक एवं डिजिटल दुनिया दोनों के ही बेहतरीन गुणों का लाभ मिलेगा।’ मोहित का कहना है कि स्मार्ट उपकरणों के प्रसार के साथ इंटरनेट की पहुंच जन-जन तक होने से इस प्रक्रिया को और तेजी मिलेगी। वह कहते हैं, ‘आने वाले कल के क्लासरूम में तकनीक का अहम स्थान होगा जिससे छात्र सीखने में निष्क्रिय के बजाय सक्रिय भूमिका में रहेंगे।’
एडटेक स्टार्टअप के लिहाज से सबसे रोमांचक
असल में वर्ष 2020 एडटेक स्टार्टअप के लिहाज से सबसे रोमांचक साल रहा है जिससे ऑनलाइन शिक्षा को मुख्यधारा में शामिल कर दिया। कुल मिलाकर इस क्षेत्र ने 2 अरब डॉलर से अधिक फंडिंग आकर्षित की। बैजूस (byjus app) को कई अग्रणी पीई निवेशकों से 1 अरब डॉलर से भी अधिक निवेश मिला जिससे वह डेकाकॉर्न श्रेणी वाला पहला भारतीय एडटेक स्टार्टअप (Edtech startup) बना। वहीं अनएकेडमी (unacdemy app) भी यूनिकॉर्न का तमगा हासिल करने में सफल रहा। एडटेक क्षेत्र के दो अन्य स्टार्टअप एरुडिटस (Startup Eruditus) एवं वेदांतु (Vedantu) भी वर्ष 2021 में यूनिकॉर्न श्रेणी में शामिल होने के करीब पहुंच चुके हैं। इस क्षेत्र में हमें कुछ स्टार्टअप के अधिग्रहण की गतिविधियां भी देखने को मिलने लगी हैं।
व्हाइटहैट जूनियर को 30 करोड़ डॉलर में अधिग्रहीत
बैजूस (byjus app) ने कोडिंग स्टार्टअप व्हाइटहैट जूनियर को 30 करोड़ डॉलर में अधिग्रहीत कर लिया। दूसरी तरफ व्हाइटहैट को अपुष्ट दावे करने वाले कुछ विज्ञापनों को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा और ट्रेडमार्क एवं निजता के उल्लंघन और मानहानि के आरोप में उसे कानूनी वादों का भी सामना करना पड़ा।
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