नई दिल्ली| सरकार ई-चालान (इन्वॉयस) का दायरा बढ़ाने की योजना बना रही है। इसके लिए न्यूनतम सालाना कारोबार की सीमा इसी वित्त वर्ष के दौरान 5 करोड़ रुपये की जा सकती है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत अभी 20 करोड़ रुपये या उससे अधिक सालाना कारोबार वालों के लिए ई-चालान अनिवार्य हैं।
योजना की जानकारी रखने वाले एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि राजस्व चोरी रोकने और अनुपालन को आसान बनाने के लिए अगले चरण में ऐसा किया जा सकता है। इस चरण में सरकार पहले 10 करोड़ रुपये सालाना या अधिक को कारोबार वाली इकाइयों के लिए ई-चालान अनिवार्य करेगी और बाद में इसे 5 करोड़
रुपये या अधिक सालाना कारोबार वाली इकाइयों के लिए लागू कर दिया जाएगा।
इस कदम का मकसद अधिक संख्या में सौदों का डिजिटल रिकॉर्ड रखना, बिक्री की जानकारी में पारदर्शिता बढ़ाना, विसंगति (मिसमैच) और त्रुटियां कम करना, डेटा इंट्री वर्क को स्वचालित बनाना तथा अनुपालन में सुधार लाना है। एक अधिकारी ने कहा, ‘हम अधिक संख्या में सौदों के लिए ई-चालान ढांचा तैयार कर रहे हैं क्योंकि हम ई-चालान के लिए सालाना कारोबार की सीमा 20 करोड़ रुपये से घटाकर 10 करोड़ रुपये और फिर 5 करोड़ रुपये करना चाहते हैं।’ ई-चालान की सुविधा प्रदान करने वाला जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) तीन-चार महीने में अगले चरण के लिए तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि करदाताओं को नए मानदंड के पालन के लिए पर्याप्त मोहलत दी जाएगी।
ई-चालान व्यवस्था अक्टूबर 2020 में शुरू की गई थी और 500 करोड़ रुपये तथा अधिक सालाना कारोबार वाली इकाइयों के लिए इसे अनिवार्य बनाया गया था। बाद में कारोबारियों के आपसी सौदों के लिए यह सीमा घटाकर 100 करोड़ रुपये और फिर 50 करोड़ रुपये कर दी गई। अभी 20 करोड़ रुपये सालाना कारोबार वाली इकाइयों के लिए ई-चालान अनिवार्य है।