जयपुर: गैरलाभकारी संगठन, द हैबिटैट्स ट्रस्ट, जो भारत के प्राकृतिक आवास और स्थानीय प्रजातियों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है, ने आज जयपुर से द हैबिटैट्स ट्रस्ट ग्रांट्स सिंपोज़ियम सीरीज़ शुरू की। होटल आर्य निवास में आयोजित की गई इस सिंपोज़ियम में जैव विविधता के संरक्षण के लिए कार्य करने वाले लोगों ने हिस्सा लिया।
इस साल सिंपोज़ियम का उद्देश्य जमीनी स्तर पर संरक्षण के लिए कार्य कर रहे लोगों व संगठनों को ग्रांट प्राप्त करने के लिए प्रभावशाली और समयबद्ध संरक्षण परियोजना प्रस्तावों को डिज़ाइन और विकसित करना सिखाना था। भारत की समृद्ध जैव विविधता के बावजूद, जो दुनिया में सभी दर्ज प्रजातियों का 7% – 8% है और विश्व स्तर पर पहचाने गए 34 में से 4 जैव विविधता हॉटस्पॉट (हिमालय, पश्चिमी घाट, उत्तर-पूर्व और निकोबार द्वीप समूह) से समाहित है, मनुष्यों की तत्कालिक जरूरतों के कारण संरक्षण अक्सर पीछे छूट जाता है, जिसके कारण जमीनी स्तर पर महत्वपूर्ण कार्य कर रहे संरक्षणवादियों तक सहयोग नहीं पहुँच पाता है। द हैबिटैट्स ट्रस्ट का उद्देश्य इस कमी को दूर करना, और संरक्षणवादियों को संस्थागत सहयोग प्रदान करके भारत में संरक्षण के लिए काम कर रहे संगठनों के बीच नेटवर्किंग का विकास करना है।
ऋषिकेश चव्हाण, हेड, द हैबिटैट्स ट्रस्ट ने कहा, “द हैबिटैट्स ट्रस्ट में, हम संरक्षण के ठोस प्रयास करने में यकीन करते हैं, ताकि प्रकृति और मनुष्य के कल्याण के लिए पारिस्थितिक प्रणाली में संतुलन स्थापित हो सके। हमारा मुख्य केंद्रण कम ज्ञात प्रजातियों और आवासों पर है। इन सिंपोज़ियम द्वारा हम एक सुचारू आवेदन प्रक्रिया की मदद से आवेदकों तक पहुँचकर उन्हें अपना सहयोग प्रदान करते हैं।”