मुंबई। कोविड-19 महामारी के बाद शेयर बाजार में मची बिकवाली से मानक सूचकांकों की आंतरिक संरचना (भारांश) में भी बदलाव हुआ है। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी 50 सूचकांक में सुरक्षित समझे जाने वाले क्षेत्रों का दबदबा बढ़ा है, जबकि आर्थिक हालात पर निर्भर रहने वाले बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र (एनबीएफसी), धातु एवं खनन कंपनियों और वाहन कंपनियों के शेयरों का जज्बा कमजोर पड़ गया है।
एमएफसीजी, सॉफ्टवेयर सर्विसेस और दवा कंपनियों का भारांश सर्वोच्च स्तर पर
निवेश के लिहाज से सुरक्षित समझे जाने वाले तीन प्रमुख क्षेत्रों एमएफसीजी, सॉफ्टवेयर सर्विसेस और दवा कंपनियों का संयुक्त भारांश इस समय पिछले तीन वर्षों के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है। दिसंबर 2019 और दिसंबर 2017 के अंत में इनका भारांश क्रमश: 26.8 प्रतिशत और 25.3 प्रतिशत था।
एफएमसीजी और दवा कंपनियों को सर्वाधिक फायदा
एफएमसीजी और दवा कंपनियों को सर्वाधिक फायदा हुआ है। कुल मिलाकर एफएमसीजी खंड की अब पांच कंपनियां- हिंदुसतान यूनिलीवर (एचयूएल), आईटीसी, एशियन पेंट्स, नेस्ले और ब्रिटानियां-अब बेंचमार्क सूचकांक में शुमार हो गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक इस समय सुरक्षित दांव लगाना चाहते हैं और ऐसे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं, जिन पर प्रतिकूल हालात में अपेक्षाकृत कम चोट पड़ती है।
इन पर खेल सकते हैं दांव
आईआईएफएल के चेयरमैन निर्मल जैन ने कहा,’हालांकि दूसरे शेयर भी निवेश के लिए माकूल लग रहे हैं, लेकिन निवेशक अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित क्षेत्रों में निवेश करना चाहेंगे।’ जैन ने कहा कि इन शेयरों के अलावा निवेशक निजी क्षेत्र के बैंकों, मजबूत वित्तीय कंपनियों, बीमा, दवा और कुछ चुनिंदा सूचना-प्रौद्योगिकी (आईटी) शेयरों पर भी दांव खेल सकते हैं।