टैक्स एक ऐसा शब्द है जिसे सुनते ही आम आदमी ही नहीं जानकार भी घबराने
लगते हैं। कारण है कि आयकर कानूनों में इतने सारे पेंच है कि किसी के लिए
भी इन्हें समझना टेढ़ी खीर साबित हो सकती है। इनकम टैक्स भरने का समय
करीब आ रहा है जरुरी है कि आप इनसे जुड़े नियमों में बदलाव को जाने और
समझें। ऐसे ही मौकों पर टैक्स गुरू अपनी जानकारी और अनुभव का खजाना लेकर
आते हैं और करते हैं टैक्स से जुड़ी मुश्किलों को दूर। आज आपके टैक्स से
जुड़े मुश्किल सवालों का जवाब देंगे टैक्स एक्सपर्ट शरद कोहली की सलाह।
शरद कोहली का कहना है कि वसीयत बनाते वक्त कुछ बातों का ध्यान देना बेहद
जरुरी होता है क्योंकि इससे आपके अपने उत्तराधिकारियों को सहूलियत होती
है। अगर वसीयत बनाएं बिना मृत्यु होने हो जाती है तो इससे आपके परिवार को
परेशानी हो सकती है। वसीयत में सेक्शन 56(2) के तहत छूट मिलती है। वसीयत
के जरिए संपत्ति मिलने पर टैक्स नहीं लगता है। विल के जरिए संपत्ति का
बंटवारा कर सकते है। कोर्ट के जरिए सक्सेशऩ सर्टिफिकेट बनाया जाएगा।
बैंकर, सांसद या एमएलए भी सक्सेशन सर्टिफिकेट बना सकते हैं। परिवार के हर
सदस्य को सहमित जतानी होगी।
शरद कोहली ने आगे बताया कि हिंदू सक्सेशन एक्ट या परिवार के धर्म के
हिसाब से संपत्ति का बंटवारा होगा। वसीयत एक कागज पर भी बनाई जा सकती है।
वसीयत का रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी होता है। स्टांप ड्यूटी देकर भी वसीयत
बनाई जा सकती है। वसीयत को कई बार बनाया जा सकता है। सबसे आखिरी में
वसीयत वैध मानी जाएगी।