मुंबई। सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया (Air India) के अधिग्रहण में दिलचस्पी दिखाने वाला टाटा समूह (Tata Group) इस कंपनी के लिए संयुक्त रूप से बोली लगाने के लिए वित्तीय साझेदार तलाश रहा है। बैंकिंग सूत्रों ने बताया कि टाटा समूह (Tata group) एयर इंडिया (Air India) के लिए बोली लगाने वाली विशेष उद्देश्यीय इकाई (एसपीवी) में बहुलांश हिस्सेदारी वाला साझेदार होगा और वित्तीय साझेदार को इसमें अल्पांश हिस्सेदारी दी जाएगी। Air India के लिए अभिरुचि पत्र जमा कराने की अंतिम तारीख 31 अगस्त है।
विस्तारा और एयर एशिया इंडिया के परिचालन का अनुभव
सूत्रों के अनुसार विस्तारा (vistara) और एयर एशिया इंडिया (Air Asia India) के परिचालन का अनुभव देखते हुए निजी इक्विटी फंड और अमेरिकी फंड टाटा के साथ साझेदारी करने के लिए इच्छुक हैं। घटनाक्रम के जानकार सूत्र ने बताया, ‘टाटा समूह (Tata group) को कई प्रस्ताव मिले हैं जिनमें से वह अपने लिए उपयुक्त साझेदार चुनेगा। अंतिम निर्णय अभिरुचि पत्र जमा कराने से पहले लिया जाएगा।’
Tata sons को सरकार को मोटी रकम का भुगतान करना
वित्तीय साझेदार तलाशने की एक वजह यह है कि Tata sons को टाटा टेलीसर्विसेज (Tata teleservices) के समायोजित सकल राजस्व बकाया मद में सरकार को मोटी रकम का भुगतान करना है। समूह से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि हालांकि Tata group अपने दम पर भी एयर इंडिया में निवेश कर सकता है लेकिन वैश्विक अनुभव वाले वित्तीय साझेदार मिलने से उसे थोड़ी सहूलियत होगी। Tata Sons और सिंगापुर एयरलाइंस (Singapore airlines) ने टाटा एसआईए एयरलाइंस (विस्तारा का परिचालन करने वाली कंपनी) में इस साल अप्रैल में अतिरिक्त 500 करोड़ रुपये का निवेश पहले ही कर दिया है।
एयर इंडिया के लिए गिनी-चुनी विमानन कंपनियां ही लगाएंगी बोली
दिलचस्प है कि वित्तीय साझेदारों ने संकेत दिए हैं कि Air India के लिए आक्रामक बोली नहीं लगेगी क्योंकि कोविड महामारी के कारण विमानन कंपनियों के मूल्यांकन में खासी कमी आई है। कोविड के बाद से कई विमानन कंपनियों ने दिवालिया के लिए आवेदन किया है और कुछ को संबंधित सरकारों से उदार राहत पैकेज दिए गए हैं। ऐसे में उम्मीद है कि एयर इंडिया के लिए गिनी-चुनी विमानन कंपनियां ही बोली लगाएंगी।