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Take care of your mental health: Dr Priyanka Arora Counseling Psychologist

रखे ख्याल अपने मन की सेहत का : Dr Priyanka Arora Counselling Psychologist

जयपुर। मन की सेहत का ख्याल रखना हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है। जैसे हम अपने शरीर का ध्यान रखते हैं, वैसे ही हमें अपने मन का भी ख्याल रखना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य का मतलब सिर्फ मानसिक बीमारियों से बचना नहीं है, बल्कि यह भी है कि हम रोजमर्रा की जिंदगी में खुश और शांत महसूस करें।

दीप्ति एक बड़ी कॉर्पोरेट कंपनी में काम करती थी। उसकी नौकरी का दबाव बहुत ज्यादा था, और वह हर समय काम में लगी रहती थी। धीरे-धीरे दीप्ति को थकान महसूस होने लगी, और वह हमेशा चिड़चिड़ी और परेशान रहने लगी। उसे नींद नहीं आती थी और काम में भी ध्यान नहीं लग रहा था। लेकिन उसने सोचा कि ये सब बस काम का हिस्सा है, और उसने इसे नजरअंदाज कर दिया।

जैसे-जैसे समय बीता, दीप्ति की हालत और खराब होने लगी। वह अपने परिवार और दोस्तों से दूर रहने लगी, और उसे किसी भी चीज़ में खुशी महसूस नहीं होती थी। एक दिन उसकी दोस्त ने उसे मनोचिकित्सक से मिलने की सलाह दी। शुरू में दीप्ति नवल हिचकिचाई, लेकिन आखिरकार उसने मदद लेने का फैसला किया।

दीप्ति को तनाव कम करने के लिए कुछ सरल सुझाव दिए गए जैसे कि ध्यान करना, समय प्रबंधन, और शारीरिक व्यायाम। दीप्ति ने इन सुझावों को अपने जीवन में लागू किया, और कुछ ही हफ्तों बाद उसने खुद को पहले से बहुत बेहतर महसूस किया।

दीप्ति की कहानी हममें से कई लोगों की तरह है। हम सभी कभी न कभी तनाव, थकान या मानसिक परेशानी का सामना करते हैं, लेकिन जरूरी है कि हम इसे नजरअंदाज न करें।

मानसिक सेहत को बेहतर बनाने के आसान तरीके

दीप्ति की तरह, हम भी अपनी मानसिक सेहत को बेहतर बना सकते हैं। यहाँ कुछ सरल और असरदार उपाय हैं जो आपकी मन की सेहत को मजबूत बना सकते हैं:

1. तनाव प्रबंधन

आजकल की तेज़-तर्रार जिंदगी में तनाव सामान्य हो गया है, लेकिन इसे संभालना भी बहुत जरूरी है। योग, ध्यान, और गहरी सांस लेने की तकनीकें तनाव कम करने में बेहद मददगार साबित हो सकती हैं। दीप्ति ने भी ध्यान को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाया और इससे उसे मानसिक शांति मिली।

2. समय का सही उपयोग

काम और आराम के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण है। अगर हम काम में खुद को बहुत ज्यादा उलझा लेंगे, तो मानसिक थकावट होना स्वाभाविक है। नीलम की तरह, काम के बीच छोटे ब्रेक लें और अपने लिए समय निकालें। इससे आप ज्यादा प्रोडक्टिव और खुश महसूस करेंगे।

3. सकारात्मक सोच अपनाएँ

हर दिन हमारे सामने चुनौतियाँ आती हैं, लेकिन उनका सामना सकारात्मक सोच के साथ करना हमें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है। खुद से सकारात्मक बातें कहें और नकारात्मकता से दूर रहें। दीप्ति ने भी अपने विचारों को बदलने की कोशिश की, और इससे उसे काफी फायदा हुआ।

4. परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएँ

अपने प्रियजनों के साथ वक्त बिताना मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। दीप्ति ने जब अपने दोस्तों से दुरी बना ली थी, तब वह और उदास हो गई थी। हमें अपने करीबी लोगों के साथ समय बिताने से मानसिक स्थिरता और खुशी मिलती है।

5. नियमित शारीरिक व्यायाम

शारीरिक व्यायाम केवल शरीर को ही नहीं, बल्कि मन को भी स्वस्थ रखता है। व्यायाम से हमारा मूड बेहतर होता है, और हमें नई ऊर्जा मिलती है। दीप्ति ने भी रोज़ थोड़ी देर व्यायाम शुरू किया, जिससे उसकी मानसिक स्थिति में सुधार हुआ।

6. मदद लें

कभी-कभी, हमारी समस्याएँ इतनी बढ़ जाती हैं कि हमें किसी विशेषज्ञ की मदद की जरूरत होती है। ऐसे समय में मनोचिकित्सक से बात करना एक सही कदम होता है। दीप्ति ने समय पर विशेषज्ञ से मदद ली, और इससे उसे अपनी स्थिति को बेहतर ढंग से समझने और ठीक करने का मौका मिला।

दीप्ति की केस स्टडी से यह साफ होता है कि मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है। हमें यह समझना होगा कि जैसे शारीरिक सेहत जरूरी है, वैसे ही मानसिक सेहत भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।

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