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लोकमान्य संत रूपचन्द जी म.सा का 95 जन्मोत्सव मनाया

खवासपुरा.लोकमान्य संत  सुकनमुनि महाराज के सानिध्य  में रविवार को लोकमान्य संत शेरे राजस्थान वरिष्ठ प्रवर्तक रूपचन्द जी महाराज का 95 जन्मोत्सव धुमधाम से मनाया गया। मरूधर केसरी रूप सुकन दरबार में हुए समरोह में सुकनमुनि म.सा ने रूपचंद म.सा की जीवनी के बारे में बताया कि छोटे गांव नाडोल में …

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पर्युषण 26 अगस्त से 2 सितंबर तक, इससे मिलती है सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा

Tina surana.jaipur पर्युषण पर्व जैन धर्म के लोगों का सर्वाधि क महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व बुरे कर्मों का नाश करके हमें सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। भगवान महावीर के सिद्धांतों को ध्यान में रखकर हमें निरंतर और खासकर पर्युषण के दिनों में आत्मसाधना …

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14 वर्ष की उम्र में 26 साल पहले दीक्षा ली, साध्वी मुक्तांजना अब भी कर रहीं जैन धर्म दर्शन की पढ़ाई

जयपुर। दीक्षा के 26 साल पूरे कर चुकीं मुक्तांजना श्रीजी का चातुर्मास इस बार शहर में महावीर बाग में चल रहा है। 14 वर्ष की उम्र में उन्होंने दीक्षा ली थी, जिसके बाद से वे साध्वी जीवन बिता रही हैं। वे अब तक 50 हजार किमी से ज्यादा पैदल यात्रा कर …

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जैन धर्म के वो 5 मूलभूत सिद्धांत जो आपकी जिंदगी आसान कर देगी

Tina surana, Jaipur जैन धर्म भारत के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है. ‘जैन’ जिन से बना है. जिन बना है ‘जि’ धातु से जिसका अर्थ है जीतना. जिन्होंने अपने मन को जीत लिया, अपनी वाणी को जीत लिया और अपनी काया को जीत लिया, वे हैं ‘जिन’. शरीर …

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जैन परंपरा की पहली महिला आचार्य का राजगीर में हो रहा चातुर्मास

patna. cp reporter जहां तीर्थंकर महावीर ने 14 वर्षावास किए उसी राजगीर में इसबार आचार्यश्री चंदना जी चातुर्मास करेंगी। वे 27 जुलाई को राजगीर पहुंचेंगी। आचार्यश्री चंदना जी के अथक प्रयासों से ही राजगीर में आज से 46 वर्ष पहले वीरायतन की स्थापना हुई। आज आचार्यश्री चंदना जी, वीरायतन और …

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जैन धर्म – रात में भोजन करने की है मनाही, चातुर्मास में होते हैं और भी कड़े नियम

Tina surana, जयपुर। जैन धर्म अहिंसा प्रधान है। इस धर्म का सारा जोर हिंसा रोकने पर है। वह चाहे किसी भी रूप में, किसी भी तरह की हिंसा क्यों न हो। रात्रि भोजन के त्याग के पीछे अहिंसा और स्वास्थ्य दो प्रमुख कारण हैं। यह वैज्ञानिक तथ्य है कि रात्रि …

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