रामकृष्ण परमहंस (Ramakrishna Paramahamsa) कहा करते थे—‘एक हाथी है, उसे नहला-धुलाकर छोड़ दो तब फिर वह क्या करेगा? मिट्टी में खेलेगा और शरीर को फिर से गंदा कर लेगा। कोई उस पर बैठे, तो उसका शरीर भी गंदा अवश्य होगा। लेकिन यदि हाथी को स्नान कराने के बाद बाड़े में …
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