नई दिल्ली। इंटरनेट आधारित टैक्सी सेवा देने वाली ओला (OLA) एवं उबर (UBER) जैसी कंपनियों (कैब एग्रीगेटर) पर सरकार की निगरानी बढऩे जा रही है। ये कंपनियां अब केंद्र सरकार के नियमन के दायरे (Uber CAB rules) में आ जाएंगी। सरकार ने इन कंपनियों द्वारा ग्राहकों से लिए जाने वाले किराये की संरचना तय करने के दिशानिर्देश सख्त बना दिए हैं।
मांग के समय 1.5 गुना अधिक किराया नहीं ले पाएंगी मूल किराये से
कैब सेवाओं (Cab service) के परिचालन के लिए राज्यों को केंद्र द्वारा तय दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। दिशानिर्देशों का पालन नहीं किए जाने की स्थिति में जुर्माने लगाए जाने का प्रावधान है। प्रावधानों के अनुसार ओला (OLA) एवं उबर (UBER) सहित इंटरनेट आधारित टैक्सी सेवा देने वाली कंपनियां अत्यधिक मांग के समय मूल किराये से 1.5 गुना अधिक किराया नहीं ले पाएंगी।
कैब चालक इसे रद्द करता है तो… किराये का 10 प्रतिशत जुर्माना
दिशानिर्देशों के अनुसार अगर बुकिंग स्वीकार करने के बाद कैब चालक इसे रद्द (CAB booking cancle) करता है तो उस स्थिति में कुल किराये का 10 प्रतिशत जुर्माना (अधिकतम 100 रुपये) लगाया जाएगा। अगर यात्री बुकिंग रद्द करता है तो उस पर भी इतना ही जुर्माना लगाया जाएगा। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पाने की स्थिति में कैब सेवा प्रदाता कंपनी का परिचालन लाइसेंस निलंबित हो सकता है। अगर यात्री से लगातार अधिक किराया वसूला जाता है और कंपनी चालक के प्रति अपनी जवाबदेरी पूरी करने में विफल रहती है तो उस स्थिति में भी लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
वित्त वर्ष में तीन बार से अधिक बार निलंबित तो लाइसेंस रद्द
अगर किसी कैब प्रदाता कंपनी का लाइसेंस किसी वित्त वर्ष में तीन बार से अधिक बार निलंबित रहता है तो लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और कंपनी को तत्काल प्रभाव से परिचालन रोक देना होगा। कैब सेवा प्रदाता कंपनी यात्रियों को कैब साझा (CAB Share) करने की सुविधा दे सकती है। हालांकि ये सेवा उन्हीं यात्रियों को दी जा सकेगी जिनके बार में सारी जानकारी (केवाईसी) उपलब्ध रहेगी। कैब कंपनी उन्हीं यात्रियों को कैब साझा करने की सुविधा देंगे जो एक ही मार्ग से होकर जाएंगे, लेकिन अलग-अलग गंतव्यों पर उतरेंगे। कैब साझा (CAB Share) करने वाली महिलाएं चाहें तो वे केवल महिला यात्रियों के साथ इस सेवा का उपयोग कर पाएंगी। कैब कंपनियों को यह विकल्प उपलब्ध कराना होगा।