चेन्नई : महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पंजाब समेत देश के कम से कम छह राज्य ‘खुली प्रोत्साहन पेशकशों’ और आक्रामक मार्केटिंग के जरिये विश्व के सबसे धनी व्यक्ति एलन मस्क को टेस्ला की इलेक्ट्रिक कार विनिर्माण इकाई अपने यहां लगवाने के लिए लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि कंपनी की केंद्र के साथ बातचीत में अभी रोड़ा अटका हुआ है। केंद्र सरकार इस दिग्गज वैश्विक कंपनी को कर छूट देने से पहले पुख्ता निवेश योजना समेत स्थानीय स्तर पर विनिर्माण का आश्वासन हासिल करना चाहती है।
इस अमेरिकी कंपनी ने भारत में अपने उत्पाद पेश करने के लिए देश में आयात शुल्क घटाने की मांग की है। टेस्ला के निवेश को मंजूरी मिलने में बाधाएं तब सामने आईं, जब मस्क ने 13 जनवरी को ट्वीट किया कि उनकी कंपनी को भारत सरकार के साथ काम करने में बहुत सी दिक्कतें आ रही हैं। इस वजह से देश में उत्पादों की पेशकश में देरी हुई है। कंपनी ने संकेत दिया था कि भारत में शुल्क विश्व में सबसे अधिक हैं क्योंकि वह ईवी पर 100 फीसदी आयात शुल्क लगाता है, जिससे यहां कार आने की लागत 40,000 डॉलर से अधिक हो जाती है।
मीडिया खबरों के आधार पर प्रमुख गतिरोध उस पुख्ता प्रतिबद्धता को लेकर है, जो केंद्र हासिल करना चाहता है। हालांकि कंपनी ने पहले स्थानीय स्तर पर कलपुर्जे खरीदने और फिर ‘मेक इन इंडिया’ विजन की तर्ज पर विनिर्माण करने की इच्छा जताई है। सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टेस्ला की उम्मीदें आगामी 1 फरवरी के बजट पर टिकी हुई हैं। इसमें कंपनी देखेगी की कि क्या मौजूदा कर ढांचे में कोई बदलाव किया जाता है, जिसके बाद यह भारत को लेकर अपनी रणनीति पर पुनर्विचार कर सकती है।