हिमाचल बाढ़ पुनर्वास – सीएसआर लाईटिंग प्रोजेक्ट के अंतर्गत क्षेत्र के 20 गाँवों में 120 से ज्यादा उच्च तीव्रता की सोलर स्ट्रीट लाईट स्थापित की गईं
New delhi. जून, 2023 में हिमाचल प्रदेश में भारी विनाश हुआ था, जब सैंज नदी (जिसे पीन पार्बती नदी भी कहते हैं) में अचानक आई बाढ़ के कारण काफी तबाही हुई और जान-माल, बुनियादी ढाँचे, और संपत्ति का काफी नुकसान हुआ। हिमाचल के कुल्लू में सैंज घाटी में भारी बारिश और उसके बाद आई बाढ़ के कारण काफी बर्बादी देखने को मिली।
इस विनाश लीला के बाद यह खूबसूरत घाटी अंधकार में डूब गई, घर नष्ट हो चुके थे और समुदायों को आवश्यक सेवाएं नहीं मिल पा रही थीं। यह विपत्ति कई दिनों तक चलती रही, और यहाँ बिजली आपूर्ति, संचार, कनेक्टिविटी बाधित हो गए, जिन्हें बाद में बहाल कर लिया गया।
इस संकट के बीच उम्मीद की किरण पेश करते हुए लाईटिंग समाधानों में विश्व की अग्रणी कंपनी, सिग्निफाई ने सैंज घाटी में बाढ़ प्रभावित गाँवों के पुनर्वास की ओर कदम बढ़ाया और लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए सस्टेनेबल लाईटिंग समाधान स्थापित किए। सिग्निफाई ने एरा फाउंडेशन और हिमालय उन्नति मिशन के कार्यकर्ताओं के सहयोग से यह परिवर्तनकारी सफर शुरू किया, जिसने घाटी को वापस रोशन किया और यहाँ के नागरिकों को उम्मीद की किरण प्रदान की।
कठिन इलाकों, टूटी हुई सड़कों एवं कई अन्य बाधाओं के बाद भी समर्पित टीम निरंतर आवश्यक आपूर्ति बनाए रखने के लिए काम करती रही, और ग्राम समिति के सदस्यों के परामर्श से इस क्षेत्र के 20 गाँवों में 120 से ज्यादा उच्च तीव्रता की सोलर स्ट्रीट लाईटें स्थापित की गईं।
यह अभियान सामाजिक दायित्व और लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के प्रति सिग्निफाई की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। सैंज घाटी में पुनर्वास के प्रयासों का प्रदर्शन करने के लिए सिग्निफाई ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उम्मीद और इच्छाशक्ति का सफर दिखाया गया है। इस वीडियो के माध्यम से सिग्निफाई का उद्देश्य लोगों को हर किसी के लिए #BrighterLivesBetterWorld के निर्माण में शामिल होने की प्रेरणा देना है।