हितधारकों की सुरक्षा और वास्तविक दावेदारों के लिए संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध, धोखाधड़ी का पता लगाने, दावों की जांच और कानूनी कार्रवाई के लिए विशेष टीमें गठित, जाली दावों के अपराधियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करेगा
जयपुर. बीमा दावों में बढ़ती धोखाधड़ी को रोकने के लिए, श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी (SGI) ने अपने मोटर तृतीय पक्ष (थर्ड पार्टी) दावों की जांच टीम को और मजबूत किया है। मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल (MACT) विशेष अदालतें होती हैं, जो मोटर वाहन अधिनियम के तहत गठित की जाती हैं ताकि सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को तेजी से और कम खर्च में मुआवजा मिल सके। हालांकि, MACT में कई जाली और फर्जी दावे भी किए जाते हैं, जिससे बीमा उद्योग को भारी नुकसान होता है।
अब SGI ने एक तीन-स्तरीय प्रणाली लागू की है:
- क्लेम रिव्यू टीम – दावों की गहन जांच करेगी और वास्तविक दावों को आगे बढ़ाएगी।
- क्लेम इन्वेस्टिगेशन टीम – संदेहास्पद मामलों में दस्तावेजों की विस्तृत जांच करेगी।
- लीगल टीम – जाली दावों की पहचान होने पर, ट्रिब्यूनल में SGI का बचाव करेगी और कानूनी कार्यवाही करेगी।
इन सभी टीमों का नेतृत्व श्री अश्विनी धनावत, कार्यकारी निदेशक, SGI कर रहे हैं। धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स का उपयोग किया जा रहा है।
तेजी से वास्तविक दावों का निपटारा
SGI न केवल धोखाधड़ी रोकने पर ध्यान दे रहा है, बल्कि वास्तविक दावों को जल्द से जल्द निपटाने पर भी जोर दे रहा है। हाल ही में, सूरत के दिलीपभाई मगनभाई पटेल की सड़क दुर्घटना में मृत्यु के बाद, SGI ने 15 दिनों के भीतर 46 लाख रुपये का बीमा दावा मंजूर कर दिया।
श्री अश्विनी धनावत ने कहा,
“SGI ने 15 दिनों में मोटर तृतीय पक्ष (TP) दावा निपटाकर एक नया मानक स्थापित किया है। यह हमारी नीति धारकों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
बीमा धोखाधड़ी के मामलों का खुलासा
SGI की जांच टीम ने कई फर्जी दावों का पर्दाफाश किया है, जिससे कंपनी को अनावश्यक वित्तीय नुकसान से बचाया गया। कुछ प्रमुख मामलों में:
- स्मृति प्रीति व अन्य बनाम श्रीराम जनरल इंश्योरेंस (MACT लखीमपुर खीरी)
- ₹10 लाख का दावा किया गया था। लेकिन पूछताछ में सामने आया कि वाहन मालिक और चालक ने मिलकर फर्जी दावा दायर किया था। दावा वापस ले लिया गया।
- बालू बनाम अप्पासाहेब व अन्य (MACT उस्मानाबाद)
- ₹1 लाख का दावा किया गया, लेकिन जांच में पाया गया कि दुर्घटना हुई ही नहीं थी। ट्रिब्यूनल ने दावे को खारिज कर दिया।
- स्मृति सूरती बाई बनाम पंकज व अन्य (MACT जबलपुर)
- ₹10 लाख के दावे को सबूतों की कमी के कारण खारिज कर दिया गया।
- राज कुमार बनाम सीताराम व अन्य (MACT चित्रकूट) और होरीलाल बनाम सीताराम व अन्य (MACT चित्रकूट)
- ₹20 लाख और ₹21 लाख के दावों को पुलिस जांच के बाद फर्जी घोषित किया गया।
अब धोखाधड़ी करने वालों पर आपराधिक कार्रवाई
SGI ने अब जाली दावे करने वालों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज करने का फैसला किया है। कंपनी ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायतें दर्ज कराई हैं, जिनमें से दो अदालतों ने पहले ही आरोपी व्यक्तियों को नोटिस जारी कर दिए हैं।
इन धोखेबाजों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 246 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, जो अदालत में झूठे दावे प्रस्तुत करने पर दंड का प्रावधान करता है।
SGI की बीमा उद्योग में भूमिका
श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी (SGIC), श्रीराम समूह और Sanlam Ltd, अफ्रीका के संयुक्त स्वामित्व वाली कंपनी है। यह मोटर, होम, व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा से लेकर अग्नि, इंजीनियरिंग और समुद्री बीमा तक कई उत्पाद प्रदान करती है।
SGI के पास 13,003.88 करोड़ रुपये की संपत्तियों का प्रबंधन, 64 लाख सक्रिय बीमा पॉलिसियां, 278 शाखाएं, और 4012 कर्मचारियों का मजबूत नेटवर्क है।
यह रणनीतिक कदम SGI की शून्य-सहनशीलता (Zero-Tolerance Policy) को दर्शाता है, जो स्पष्ट रूप से बताता है कि बीमा धोखाधड़ी एक गंभीर अपराध है, और इसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।