मुंबई. ब्रोकरेज उद्योग में डिजिटल ब्रोकिंग कंपनियों का दबदबा बढ़ रहा है। केवल डिजिटल ब्रोकिंग सेवा मुहैया कराने वाले शीर्ष पांच ब्रोकरेज के पास उद्योग के कुल सक्रिय ग्राहकों की करीब 50 फीसदी हिस्सेदारी है।
इस साल जुलाई के अंत तक जीरोधा, अपस्टॉक्स, ऐंजल वन (पहले ऐंजल ब्रोकिंग), 5 पैसा और ग्रो की बाजार हिस्सेदारी 53 फीसदी से अधिक हो गई है और उनके कुल सक्रिय ग्राहकों की संख्या 1.26 करोड़ तक पहुंच गई। वित्त वर्ष 2019 के अंत में इन फर्मों की हिस्सेदारी 17 फीसदी थी। पांच शीर्ष पारंपरिक ब्रोकरों की कुल हिस्सेदारी इस दौरान 33 फीसदी से घटकर 22 फीसदी ही रह गई। कोविड महामारी डिजिटल ब्रोकरों के लिए अच्छा अवसर साबित हुई। महामारी के बाद ही करीब 70 फीसदी ग्राहक इनके पास आए हैं। 20 से 30 साल की युवा पीढ़ी को सहजता, एकसमान शुल्क और खाता खोलने की प्रक्रिया आसान होने की वजह से ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म खूब रास आता है।
रतन टाटा और टाइगर ग्लोबल जैसे निवेशकों की वाली कंपनी अपस्टॉक्स के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी रवि कुमार ने कहा, ‘छोटे-मझोले शहरों से सक्रिय ट्रेडरों की संख्या बढ़ी है। इनमें से ज्यादातर शेयरों में पहली बार निवेश करने वाले ग्राहक हैं। महामारी के बाद इस रुझान में खासी तेजी आई है क्योंकि लोग और परिवार पारंपरिक निवेश साधन के इतर अतिरिक्त आय तलाश रहे हैं।’ 5पैसा डॉट कॉम के मुख्य कार्याधिकारी और कार्यकारी निदेशक प्रकाश गगदानी ने कहा, ‘महामारी के बाद हमारे ग्राहकों की संख्या 180 फीसदी बढ़ी है। चालू वित्त वर्ष में हम इससे भी ज्यादा ग्राहक जोडऩे की उम्मीद कर रहे हैं।’ पिछले 16 महीनों में कंपनी ने 6,55,792 सक्रिय ग्राहकों को अपने साथ जोड़ा है।
कुछ साल पहले जीरोधा जैसे ब्रोकरों ने अपनी छूट देने की रणनीति के तहत उद्योग में भारी उथल-पुथल मचाई थी और अब ये मुख्य धारा के डिजिटल ब्रोकर बन गए हैं। अधिकांश डिजिटल ब्रोकर इंट्राडे और वायदा एवं विकल्प कारोबार के लिए 20 रुपये प्रति ट्रेड के हिसाब से ब्रोकरेज शुल्क लेते हैं। पारंपरिक ब्रोकरों ने भी ब्रोकरेज घटाई है और दोनों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं रह गया है।