मुंबई: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रुचि सोया इंडस्ट्रीज से कहा है कि वह ‘निर्गम का विज्ञापन करने वाले अवांछित एसएमएस के प्रसार’ के कारण उन निवेशकों को बोलियां वापस लेने का विकल्प दे,जिन्होंने उसके अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) में हिस्सा लिया था। सेबी ने कंपनी की शेयर बिक्री संभाल रहे तीन निवेश बैंकरों को भेजे एक पत्र में कहा कि पहली नजर में एसएमएस की सामग्री भ्रामक या छलपूर्ण लगती है और यह आईसीडीआर (पूंजी निर्गम एवं खुलासा आवश्यकताओं) नियमनों के अनुरूप नहीं है। सूत्रों ने कहा कि निर्गम की तरफ निवेशकों को लुभाने के लिए एसएमएस में रुचि सोया के शेयर भाव के भविष्य की बात करने वाले बयान हैं। एफपीओ के दौरान कथित रूप से प्रसारित एसएमएस की सामग्री का बिज़नेस स्टैंडर्ड सत्यापन नहीं कर पाया।
रुचि सोया का एफपीओ आज बंद हुआ, जिसे 3.6 गुुना बोलियां मिली हैं। उद्योग के विशेषज्ञों ने कहा कि कंपनी के बारे में सेबी के आदेश से सूचीबद्धता प्रक्रिया में देरी हो सकती है और अगर बड़ी तादाद में निवेशक अपनी बोलियां वापस लेते हैं तो शेयर बिक्री अनसबस्क्राइब होने का जोखिम बढ़ जाएगा।
सेबी ने कहा, ‘सभी निवेशकों/बोलीदाताओं (एंकर बुक भागीदारों को छोड़कर) को अपनी बोलियां वापस लेने का विकल्प दिया जाएगा। बोलियां वापस लेने की अवधि 28, 29 और 30 मार्च होगी। बोली वापस लेने की प्रक्रिया के बारे में निवेशकों को सूचित किया जाएगा और यह जारी किए जा रहे विज्ञापन का हिस्सा होगी।’ एफपीओ में पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के हिस्से को 2.2 गुना अभिदान मिला था। इसके अलावा अति धनाढ्य व्यक्तियों (एचएनआई) के हिस्से को 11.75 गुना और कर्मचारी हिस्से को 7.8 गुना अभिदान मिला था।