जयपुर। लॉकडाउन शुरू हुए करीब एक महीना हो गया है और आभूषणों की दुकानें बंद हैं लेकिन आभूषणों की सबसे अधिक मांग वाला महीना बेकार चला जाना सराफों के लिए सबसे मुश्किल और वित्तीय बोझ बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।
मार्च से सराफों का कारोबार ठप
मार्च से सराफों का कारोबार ठप है क्योंकि उस समय सोने की कीमतें ऊंची थीं। इसके अलावा एक पखवाड़े तक शुभ समय नहीं होने से कोई खरीदारी नहीं हुई। हालांकि सभी सराफों ने शादियों और अक्षय तृतीया (26 अप्रैल को) की मांग पूरी करने के लिए सोने का स्टॉक किया था। हालांकि अब लोगों के पास नकदी की किल्लत है, इसलिए सराफों को डर है कि जब उन्हें फिर से स्टोर खोलने की मंजूरी दी जाएगी तो ग्राहक अपने हाथ में नकदी के लिए सोना खरीदने के बजाय बेचने को उमड़ सकते हैं।
आभूषणों की बिक्री थम गई
ऑल इंडिया जेम्स ऐंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) के चेयरमैन अनंत पद्मनाभन ने कहा, ‘इस साल 26 अप्रैल को आने वाली अक्षय तृतीया आभूषण निर्माताओं के लिए अच्छा नहीं होगा क्योंकि देश भर में लॉकडाउन है। आभूषणों की बिक्री थम गई है। फैक्टरियां बंद हैं, जिससे आभूषण विनिर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं को भारी नुकसान हो रहा है।’
पिछले साल अक्षय तृतीया पर की थी 33 टन सोने की बिक्री
उद्योग का अनुमान है कि पिछले साल अक्षय तृतीया के मौके पर सराफों ने आभूषणों और निवेश के रूप में 33 टन सोने की बिक्री की थी। घरेलू आभूषण विनिर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं ने कामगार कल्याण कोष बनाया है ताकि कामगारों और उनके परिवार की रोजी-रोटी का ख्याल रखा जा सके। इस कोष में शुरुआत में तीन करोड़ रुपये की राशि डाली गई थी।
ऑनलाइन गहने बेचने की कोशिश की भी विफल
मुंबई के एक सराफा डीलर और खुदरा आभूषण विक्रेता उमेदमल तिलकचंद जवेरी के निदेशक कुमार जैन ने कहा, ‘हमने ऑनलाइन गहने बेचने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाए। इस अक्षय तृतीया का मौका बेकार चला गया है। इस बार गुडी पड़वा पर भी बिक्री नहीं हो पाई थी।’ सोने की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के कारण भी इस बार अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी को लेकर निवेशकों का मोह भंग हुआ है।