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सैमसंग ‘सॉल्‍व फॉर टुमॉरो’ 2024 ने ग्रैण्‍ड फिनाले के लिये 10 फाइनलिस्‍ट टीमों की घोषणा की

गुरुग्राम: सैमसंग इंडिया ने आज अपने प्रमुख सीएसआर प्रोग्राम ‘सॉल्व फॉर टुमॉरो 2024’ की टॉप 10 टीमों की घोषणा की है। ये टीमें अब ग्रैंड फिनाले में अपने अनूठे आइडियाज को सैमसंग और उद्योग के प्रमुख लीडर्स की जूरी के सामने पेश करेंगी। इन टीमों का चयन देश के दूर-दराज के इलाकों से हुआ है, जैसे असम के गोलाघाट और कामरूप, राजस्थान के झालावाड़, कर्नाटक के उडुपी और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर। इससे इस प्रोग्राम की व्यापक क्षेत्रीय पहुँच का पता चलता है। 

ये फाइनलिस्ट्स एक कड़ी चयन प्रक्रिया से गुजरे, जिसमें सैमसंग जूरी के सामने कई राउंड्स में पिच प्रेजेंटेशन देना और सैमसंग फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एण्‍ड टेक्‍नोलॉजी ट्रांसफर (एफआईटीटी)] आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों से मार्गदर्शन पाना शामिल था। इन 20 टीमों को प्रोटोटाइप बनाने के लिए हर टीम को 20,000 रुपये का अनुदान दिया गया। इसके अलावा, यूथ ट्रैक की टीमों को सैमसंग गैलेक्सी लैपटॉप्स और स्कूल ट्रैक की टीमों को गैलेक्सी टैब्स मिले।

इस प्रोग्राम के तीसरे संस्करण में छात्रों ने दो अहम विषयों पर अपने आइडियाज दिए – ‘कम्युनिटी और समावेशन’ और ‘पर्यावरण और स्थिरता’। इन विषयों के तहत ज्यादातर आइडियाज उन समस्याओं का समाधान करने पर केंद्रित थे, जैसे वंचित समुदायों की शिक्षा तक पहुँच, आनुभविक शिक्षण में चुनौतियाँ,डिजिटल साक्षरता, जल संरक्षण, और आर्सेनिक प्रदूषण।

टीमों ने इनोवेशन वॉकमें भी हिस्सा लिया, जो छात्रों की मेंटरिंग, विशेषज्ञ सत्रों और नए अवसरों के लिए आयोजित की गई थी। यह कार्यक्रम सैमसंग के बेंगलुरु और नोएडा के आर एंड डी सेंटर और गुरुग्राम के क्षेत्रीय मुख्यालय में हुआ। छात्रों ने ऐसे सत्रों में भाग लिया, जिनमें उन्हें उत्पाद विकास की प्रक्रिया के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलीं, जिससे उनके आइडियाज और बेहतर हुए। इसके बाद नेशनल पिच इवेंट हुआ, जहाँ से अंतिम 10 टीमों को चुना गया।

सैमसंग साउथवेस्ट एशिया के कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट एसपी चुन ने कहा, “हम इन 10 टीमों की यात्रा देखकर बहुत उत्साहित हैं। ‘सॉल्व फॉर टुमॉरो’ प्रोग्राम ने इन छात्रों की रचनात्मकता और क्षमता को एक नई दिशा दी है। वे न सिर्फ फिनाले के लिए तैयार हुए हैं, बल्कि भविष्य के लिए भी खुद को मजबूत कर रहे हैं। इस प्रोग्राम का उद्देश्य है कि छात्रों को तकनीकी कौशल और आत्मविश्वास मिले, ताकि वे नई सोच के साथ आगे बढ़ सकें। हम ग्रैंडपिच इवेंट का इंतजार कर रहे हैं और यह देखने के लिए रोमांचित हैं कि ये छात्र अपने आइडियाज से समाज में कैसे सकारात्मक बदलाव लाते हैं।”

एफआईटीटी, आईआईटी दिल्ली के प्रबंध निदेशक डॉ. निखिल अग्रवाल ने कहा, “इन बच्चों ने जो इनोवेशन और रचनात्मकता दिखाई है, वह वाकई प्रेरणादायक है। सैमसंग के ‘सॉल्व फॉर टुमॉरो’ प्रोग्राम ने इन छात्रों को सही मेंटरशिप और प्रशिक्षण देकर उनके आइडियाज को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई है। एफआईटीटी को गर्व है कि वह इस प्लेटफार्म का हिस्सा है, जहाँ युवा इनोवेटर्स को वह कौशल और आत्मविश्वास मिलता है, जो उनके भविष्य की यात्रा में काम आएगा।”

‘सॉल्व फॉर टुमॉरो’ 2024 प्रोग्राम के इस संस्करण में देश के दूर-दराज के इलाकों से भी छात्र शामिल हुए, जैसे मणिपुर के इम्फाल, मेघालय की ईस्ट खासी हिल्स और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर। सभी छात्रों को ऐसे आइडियाज पर काम करने के लिए प्रेरित किया गया, जो सामाजिक समस्याओं का समाधान कर सकें। इससे सैमसंग का मिशन भी पूरा होता है, जिसमें वह तकनीकी नवाचार का उपयोग करके खासकर वंचित समुदायों के लोगों का जीवन बेहतर बनाना चाहती है। 

स्‍कूल ट्रैक की 5 फाइनलिस्‍ट टीमें और उनके द्वारा हल की जा रही समस्‍याएं

स्‍कायगार्ड वाइल्डफायर मॉनिटरिंग: इस टीम का लक्ष्य ग्रामीण, परिनगरीय और वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों पर वायु प्रदूषण और वन्‍यजीवन से जुड़े खतरों के बुरे प्रभाव को कम करना है। वे ऐसा समाधान बना रहे हैं जो पर्यावरण की निगरानी करके और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए रियल-टाइम डाटा प्रदान करेगा।

इकोटेक इनोवेटर: यह टीम पेयजल स्रोतों में आर्सेनिक प्रदूषण को कम करने का समाधान ढूंढ रही है, जिससे पानी में जरूरी खनिज तत्वों की कमी हो जाती है।

प्रीटर वीआर: यह टीम ऐसे सस्ते वीआर-आधारित लर्निंग सॉल्यूशंस बना रही है, जो उन छात्रों के लिए होंगे जो महंगे सॉल्यूशंस नहीं खरीद सकते।

यू: यह टीम एलजीबीटीक्यू समुदाय के लिए कानूनी और शैक्षणिक पहलों के जरिए उनकी स्वीकृति और बराबरी के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है।

हमारालैब्स: इस टीम ने एक ऐसा ऐप बनाया है जो छात्रों को कोर्स की विस्तृत जानकारी देकर सही फैसले लेने में मदद करता है।

यूथ ट्रैक की 5 फाइनलिस्‍ट टीमें और उनके द्वारा हल की जा रही समस्‍याएं

मेटल: भूमिगत जल में आर्सेनिक प्रदूषण की समस्या का समाधान ढूंढने पर काम कर रही है।
टीम हेमता: यह टीम खेती से निकलने वाले कचरे को जलाने से रोकने के लिए समाधान विकसित कर रही है।
बायोडी: यह टीम सिंगल-यूज प्लास्टिक पर निर्भरता कम करने और समुद्री तथा कूड़ा प्रदूषण को रोकने के समाधान पेश कर रही है।

रामधन लोढा: किसानों के लिए स्थायी और अनुकूल समाधान बनाकर खेती की चुनौतियों का हल करने की कोशिश कर रहे हैं।

एन्‍वटेक: यह टीम भूमिगत जल पर निर्भरता कम करने के लिए समाधान पेश कर रही है, ताकि बोरवेल्स पर कम निर्भर हुआ जा सके।  

सैमसंग इंडिया ने ‘सॉल्व फॉर टुमॉरो 2024’ प्रोग्राम के तीसरे संस्करण के लिए फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (एफआईटीटी), आईआईटी दिल्ली, मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी (एमईआईटीवाय), मंथन (प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय), और यूनाइटेड नेशंस इन इंडिया के साथ साझेदारी की है।

इस साल के ‘सॉल्व फॉर टुमॉरो’ प्रोग्राम में दो ट्रैक हैं – स्कूल ट्रैक और यूथ ट्रैक। हर ट्रैक एक खास थीम पर आधारित है और अलग-अलग उम्र के छात्रों को लक्षित करता है। दोनों ट्रैक एक साथ चलते हैं ताकि सभी छात्रों को समान मौके मिले। प्रोग्राम ने इस बार एक नया लर्निंग मॉड्यूल भी पेश किया है, जिसमें भारत के 100 से ज्यादा स्कूलों में डिजाइन-थिंकिंग की वर्कशॉप्स हुईं। इन वर्कशॉप्स का मकसद छात्रों को समस्या हल करने की सोच विकसित करना और उन्हें असली चुनौतियों के लिए तैयार करना है।

विजेताओं को क्‍या मिलेगा:

स्‍कूल ट्रैक: विजेता टीम को ‘सॉल्व फॉर टुमॉरो 2024’ का “कम्युनिटी चैम्पियन” घोषित किया जाएगा और उन्हें अपने प्रोटोटाइप को आगे बढ़ाने के लिए 25 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा। विजेता टीम के स्कूलों को भी सैमसंग के उत्पाद दिए जाएंगे, ताकि शिक्षा को बढ़ावा मिले और समस्या हल करने की सोच को प्रोत्साहित किया जा सके।

यूथ ट्रैक: विजेता टीम को ‘सॉल्व फॉर टुमॉरो 2024’ का “एनवायरनमेंट चैम्पियन” घोषित किया जाएगा और उन्हें आईआईटी दिल्ली में इन्क्यूबेशन के लिए 50 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा। विजेता टीमों के कॉलेजों को भी सैमसंग के उत्पाद मिलेंगे, ताकि शिक्षा और सामाजिक उद्यमिता को बढ़ावा मिल सके।

‘सॉल्व फॉर टुमॉरो’ प्रतियोगिता पहली बार 2010 में अमेरिका में शुरू हुई थी। अब यह 63 देशों में आयोजित की जाती है, और अब तक इसमें 2.3 मिलियन से ज्यादा युवा भाग ले चुके हैं। 

सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स का सीएसआर विजन ‘टुगेदर फॉर टुमॉरो! इनेबलिंग पीपल’ है, जिसके तहत वे दुनियाभर के बच्चों को शिक्षा देकर उन्हें भविष्य के लीडर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सैमसंग की सीएसआर कोशिशों के बारे में अधिक जानकारी उनके सीएसआर वेबपेज http://csr.samsung.com पर देखी जा सकती है।

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