परियोजनाओं की कार्ययोजना इस प्रकार बनाई जाए कि बारिश के कारण कार्य प्रभावित न होः प्रमुख शासन सचिव, सानिवि
जयपुर। सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने निर्देश दिए कि विभाग की सभी परियोजनाओं की कार्ययोजना इस प्रकार से बनाई जाए कि बारिश के कारण कार्य प्रभावित न हो और कार्य समय पर पूर्ण हो जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों के साथ ही जल संचयन, पौधारोपण जैसे आवश्यक कार्य भी इसके साथ ही पूरे किये जाएं।
गालरिया गुरुवार को विभाग की पीपीपी शाखा की विभिन्न राज्य राजमार्ग परियोजनाओं के कार्यों की प्रगति की विभाग मुख्यालय के मीटिंग हॉल में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में 18 परियोजनाओं की भौतिक, वित्तीय, पूर्व निर्माण कार्यों और कंसल्टेंट एवं संवेदकों के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई।
गालरिया ने कहा कि प्रदेशवासियों को इन परियोजनाओं का लाभ समय पर मिले इसके लिए सम्बंधित अधिकारी, कंसल्टेंट एवं संवेदक यह सुनिश्चित करें कि किसी भी स्तर पर देरी न हो। गालरिया ने अधिकारियों और संवेदकों के समक्ष आ रही वास्तविक समस्याओ के समाधान के सम्बंध में विस्तार से समीक्षा की तथा कहा कि इन कार्यों की गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जावे। मानसून में डामर के कार्य न करवायें ताकि गुणवत्ता प्रभावित न हो। सब ग्रेड, जीएसबी, डब्ल्यूएमएम ,सीमेंट कंक्रीट व पुलियाओं के कार्य पूर्ण तत्परता से किए जाएं और वर्षा ऋतु का लाभ उठाते हुए अधिक से अधिक पौधारोपण करवायें। भूमि अवाप्ति एवं युटिलिटी जैसे बिजली लाइन, पेयजल लाइन आदि की शिफ्टिंग जैसे कार्य समय पर पूर्ण करवायें।
बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता(पीपीपी) डी. आर. मेघवाल ने कहा कि सड़कों के निर्माण कार्य बारिश से प्रभावित न हो इसलिए योजनानुसार कार्य किये जाएं।
बैठक में बीकानेर-नापासर-जसरासर, नीम का थाना- खेतड़ी, झुंझुनू- राजगढ़, किशनगढ़-अराई- मालपुरा, ब्यावर-मसूदा-गोयला, दंतीवाडा- पीपाड़-मेड़ता सिटी, चूरू-तारानगर- नोहर, खेडली- नदबई-कुम्हेर आदि कुल 18 परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई और सम्बंधित को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। बैठक में अतिरिक्त मुख्य अभियंता(पीपीपी) अविनाश शर्मा, आरएसएचए सदस्य वी.एल. धनखड़, निरंजन चौधरी, सभी संबंधित परियोजना निदेशक और विभिन्न जिलों से आये सम्बंधित अधिकारी, कन्सल्टेंट एवं संवेदक उपस्थित रहें।