जयपुर। लंबित विद्युत कनेक्शन के कारण जल कनेक्शन की धीमी गति को गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने तीनों डिस्कॉम्स के प्रबंध निदेशकों को यूओ नोट भेजने के निर्देश दिए हैं। सर्वाधिक पेंडेंसी जैसलमेर एवं जयपुर में है। अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई विभाग की समीक्षा बैठक में जयपुर में कनेक्शन ज्यादा लंबित होने की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने जयपुर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता को तलब किया है।
कई जिलों में स्थापित ट्यूबवैल में बिजली कनेक्शन नहीं
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के कई जिलों में स्थापित ट्यूबवैल में बिजली कनेक्शन नहीं होने से नलकूप कमीशन नहीं हो पाए हैं और इसका असर जल कनेक्शनों की गति पर पड़ा है। भूजल स्त्रोतों पर आधारित एफएचटीसी के लिए ट्यूबवैल खुदे हुए हैं, उच्च जलाशय बन गए हैं लेकिन बिजली कनेक्शन पेंडिंग होने से ये ट्यूबवैल नहीं चले और लोगों को जल कनेक्शन नहीं दिए जा सके।
जयपुर ग्रामीण में 25 हजार एफएचटीसी बिजली कनेक्शन नहीं
अकेले जयपुर ग्रामीण में 25 हजार एफएचटीसी बिजली कनेक्शन नहीं मिलने से अटके हुए हैं। करौली जिले में बिजली कनेक्शन नहीं मिलने से करीब 22 हजार एफएचटीसी नहीं हो पाए हैं। इसी तरह जैसलमेर, बाड़मेर, अलवर एवं नागौर जिलों में भी बिजली कनेक्शन नहीं होने से एफएचटीसी नहीं हो पा रहे हैं। जैसलमेर में 76 प्रतिशत बिजली कनेक्शन लंबित हैं जबकि जयपुर में यह आकड़ा 65 और अलवर में 59 प्रतिशत है।
अवैध कनेक्शन हटाने की ली जानकारी
बैठक में समर कंटींजेंसी की समीक्षा करते हुए एसीएस पीएचईडी ने फील्ड अभियंताओं को जिला कलेक्टर्स एवं संभागीय आयुक्त से समन्वय स्थापित करने एवं कंटींजेंसी के तहत आकस्मिक कार्यों को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने अवैध कनेक्शन हटाने, बूस्टर्स जब्त करने, टंकियों की सफाई, पुरानी एवं क्षतिग्रस्त पाइप लाइन बदलने के संबंध में प्रगति की जानकारी ली।
लापरवाहीपूर्वक देरी करने वाली फर्मों के खिलाफ कार्रवाई
पेयजल परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए डॉ. अग्रवाल ने लापरवाहीपूर्वक देरी करने वाली फर्मों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में पूछा। उन्होंने संबंधित जिलों के अधीक्षण अभियंताओं को ऐसी फर्मों से प्रोजेक्ट वापस लेने (Rescind) के संबंध में प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर भिजवाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जो ठेकेदार काम नहीं कर रहे हैं उन्हें ब्लैकलिस्ट करने में देरी नहीं की जाए। डॉ. अग्रवाल ने विधायक कोटे के तहत मंजूर हैण्डपंप एवं ट्यूबवैल के कार्य समय पर पूरे करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रीष्म ऋतु में पर्याप्त पेयजल आपूर्ति के लिए संविदा श्रमिकों, वाहनों तथा जल परिवहन के लिए राशि की मंजूरी दे दी गई है। फील्ड अभियंता आवश्यकता पडने पर अन्य संसाधनों के लिए मुख्यालय के अधिकारियों से समन्वय स्थापित करें।
अप्रेल से अब तक 2900 अवैध जल संबंध हटाए
बैठक में बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष में अप्रेल माह से लेकर अभी तक 2900 अवैध जल संबंध हटाए गए तथा 332 कनेक्शन नियमित किए गए। इस अवधि में 524 बूस्टर्स भी जब्त किए गए। पिछले साल गर्मी के मौसम में 868 बूस्टर्स जब्त किए गए थे। शहरी एवं ग्रामीण जल प्रदाय योजनाओं में पुरानी एवं क्षतिग्रस्त पाइपलाइन चिन्हित कर बदली जा रही हैं। वितरण लाइन से अवैध कनेक्शन कर पेयजल चोरी के प्रकरणों में संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। हैण्डपंप मरम्मत एवं अन्य कार्यों के लिए 2500 संविदा श्रमिकों एवं 560 किराए के वाहनों के लिए स्वीकृति दे दी गई है। नहरबंदी से प्रभावित 10 जिलों के 49 शहरों एवं 8294 गांवों के करीब एक करोड़ 80 लाख लोगों के लिए पेयजल प्रबंधन किया जा रहा है।
नहरबंदी अब 30 मई तक
डॉ. अग्रवाल ने मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग (उत्तर) श्री अमरजीत सिंह मेहरड़ा से नहरबंदी की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी ली। मेहरडा ने बताया कि पहले नहरबंदी 24 मई तक प्रस्तावित थी उसे 6 दिन बढ़ाकर 30 मई तक किया गया है। 30 मई को हरिके बैराज से इंदिरा गांधी नहर में जल प्रवाह आरंभ किया जाएगा। मुख्य अभियंता, जोधपुर श्री नीरज माथुर ने बताया कि जल संसाधन विभाग द्वारा अतिरिक्त पानी की आपूर्ति कर 2 मई तक पोंडिंग पूर्ण की गई। कैनाल पोण्डिंग एवं विभागीय रिजर्वायर में उपलब्ध जल से नहरबंदी की बढ़ी हुई अवधि में सुचारू पेयजल आपूर्ति की जाएगी।
ये रहे मौजूद
बैठक में एमडी जल जीवन मिशन अविचल चतुर्वेदी, संयुक्त सचिव राम प्रकाश, मुख्य अभियंता (जल जीवन मिशन) आर. के. मीना, मुख्य अभियंता (तकनीकी) दलीप गौड, मुख्य अभियंता (विशेष परियोजना) दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (प्रशासन) राकेश लुहाड़िया, मुख्य अभियंता (जोधपुर) नीरज माथुर सहित प्रदेश भर के पीएचईडी रीजन एवं प्रोजेक्ट्स से जुड़े अतिरिक्त मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशाषी अभियंता शामिल हुए।