नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की अगले हफ्ते प्रस्तावित बैठक से पहले अधिकारियों की एक समिति ने डेरी उत्पादों से लेकर एयर कंडीशनर तक कई प्रमुख उपभोक्ता उत्पादों पर दरों में कटौती की मांग को खारिज कर दिया है। इससे संकेत मिलता है कि सरकार की राजस्व की स्थिति काफी तंग है और दरों में कटौती से राजस्व का खासा नुकसान हो सकता है।
केंद्र और राज्यों के राजस्व अधिकारियों वाली फिटमेंट समिति ने रेडी-टू-ईट-फूड से लेकर जल्दी खराब होने वाले फलों, ब्रांडेड नमकीन, डेरी उत्पादों, एथनॉल, बायोडीजल, तंबाकू उत्पादों तथा हथकरघा उत्पादों जैसी 100 से अधिक वस्तुओं पर जीएसटी दर घटाने की मांग को खारिज कर दिया।
फिटमेंट समिति के अनुसार इनमें से कुछ वस्तुएं 18 फीसदी और 28 फीसदी के ऊंचे कर दायरे में आती हैं, जिनमें बदलाव नहीं होगा।
जीएसटी परिषद की बैठक 28 और 29 जून को होगी जिसमें फिटमेंट समिति की सिफारिशों पर विचार किया जाएगा। समिति ने ट्रेटा पैक उत्पादों पर कर की दर को मौजूदा 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करने का भी प्रस्ताव किया है। उसने कट और पॉलिश वाले हीरे पर जीएसटी मौजूदा 0.25 फीसदी से बढ़ाकर 1.5 फीसदी करने का भी सुझाव दिया है। हालांकि इन प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद की बैठक में लिया जाएगा। इनमें से कुछ वस्तुओं की सूची मंत्री-स्तरीय समिति के पास विचाराधीन हैं, जो परिषद को अपनी अंतरिम रिपोर्ट जल्द ही सौंप सकती है।
एयर कंडीशनर पर जीएसटी दर में इसलिए बदलाव नहीं किया गया कि फिटमेंट समिति का कहना था कि इसमें इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल जैसे कि धातुओं आदि पर पहले से ही 18 फीसदी जीएसटी लगता है। ऐसे में दर में कटौती करने से राजस्व पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।