मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve bank of India) (आरबीआई) ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया और रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा जिससे लोगों के आवास, वाहन समेत अन्य कर्ज की किस्तों में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि, केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने नीतिगत उदार रुख को बनाये रखा है। जिसका तात्पर्य है कि जरूरत पड़ने पर कोविड-19 संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिये मुद्रास्फीति को काबू में रखते हुए नीतिगर दर में कटौती की जा सकती है।
रेपो दर 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर बनी
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने एमपीसी के निर्णय की जानकारी देते हुए अपने ‘ऑनलाइन’ संबोधन में कहा कि रेपो दर (Repo rate) 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर (Reverse Repo Rate) 3.35 प्रतिशत पर बनी रहेगी। मालूम हो कि रेपो वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को एक दिन का उधार देता है। रिवर्स रेपो दर वह दर है, जिस पर बैंक अपना जमा राशि केंद्रीय बैंक के पास रखते हैं। दास ने कहा कि साथ ही एमपीसी के सभी सदस्यों ने उदार रुख को जब तक जरूरी है और कम-से-कम चालू वित्त वर्ष तथा अगले वित्त वर्ष में इसे बनाये रखने का निर्णय किया। यह निर्णय आर्थिक वृद्धि को समर्थन देते हुए मध्यम अवधि में 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीत को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने के लक्ष्य के अनुरूप है।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति घोषणा की मुख्य बातें
- नीतिगत ब्याज दरें लगातार चौथी बार भी अपरिवर्तित रहीं।
- रिजर्व बैंक के फौरी उधार की ब्याज दर (रेपो) चार प्रतिशत पर बरकार।
- रिजर्व बैंक उदार नीतिगत रुख बनाये रखेगा।
- आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था की गति अब सिर्फ ऊपर की ओर।
- 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान।
- खुदरा मुद्रास्फीति के कम होकर 2020-21 की दिसंबर तिमाही में 5.2 प्रतिशत पर, 202122 की पहली छमाही में पांच प्रतिशत पर और इस साल नवंबर-दिसंबर तक 4.3 प्रतिशत पर आ जाने का अनुमान।
- गवर्नर के अनुसार केंद्रीय बजट ने स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों के पुनरुद्धार के लयेए मजबूत प्रोत्साहन प्रदान किया है।
- मार्च 2021 से शुरू होने वाले दो चरणों में आरबीआई नकदी आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को वापस चार प्रतिशत पर लायेगा।
- कर्ज में वृद्धि के लिये रिजर्व बैंक ने टारगेटेड एलटीआरओ की योजना के तहत बैंकों से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को उधार उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया।
- रिजर्व बैंक ने एमएसएमई को नये कर्ज पर प्रोत्साहन की नयी योजना की घोषणा की।
- आरबीआई शहरी सहकारी बैंकों को मजबूती प्रदान करने की मध्यम अवधि की रूपरेखा तय करने के लिये एक समिति गठित करेगा।
- खुदरा निवेशकों को सरकारी प्रतिभूति बाजार की साधी पहुंच मिलेगी। भारत ऐसा करने वाले चुनिंदा देशों में शामिल होगा।
- उपभोक्ताओं के शिकायतों के निवारण के लिये डिजिटल भुगतान प्रणाली की मदद करने को 24 घंटे सक्रिय हेल्पलाइन शुरू की जायेगी।
- रिजर्व बैंक ओम्बड्समैन की सभी योजनाओं को एकीकृत करेगा और शिकायतों के निवारण की प्रणालियों को केंद्रीयकृत बनायेगा।
- रिजर्व बैंक के गवर्नर के नेतृत्व में मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक पांच से सात सितंबर के दौरान होगी।
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