सस्ते कर्ज के दिन लदते नजर आ रहे हैं। साढ़े 4 साल में पहली बार आरबीआई ने कर्ज महंगा कर दिया है। रेपो रेट में चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। इसका सीधा सा मतलब है कि आपकी जेब पर ईएमआई का बोझ बढ़ सकता है। मोदी सरकार में ये पहली बार है जब दरें बढ़ाईं गई है। आगे की पिक्चर भी सुहानी नजर नहीं आ रही है। आरबीआई ने आशंका जताई है कि महंगाई बढ़ सकती है और ग्रोथ घट सकती है। मतलब साफ है कि आगे की डगर आसान नहीं है। रिजर्व बैंक ने क्रेडिट पॉलिसी में नीतिगत दरों में बदलाव का एलान किया है। आरबीआई ने रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दिया है। रेपो रेट वो रेट होता है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 0.25 फीसदी बढ़कर 6 फीसदी हो गया है। सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है, और ये 4 फीसदी पर बरकरार है। सभी एमपीसी सदस्यों ने दर बढ़ाने के पक्ष में वोट किया।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019 ग्रोथ अनुमान 7.4 फीसदी पर बरकरार रखा है। अप्रैल-सितंबर के बीच जीडीपी ग्रोथ 7.5-7.6 फीसदी रहने का अनुमान है। अक्टूबर-मार्च के बीच जीडीपी ग्रोथ 7.3-7.4 फीसदी रहने का अनुमान है। आरबीआ ने महंगाई दर का अनुमान बढ़ा दिया है। अप्रैल-सितंबर के बीच महंगाई दर 4.8-4.9 फीसदी रहने का अनुमान है।
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