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अरबों डॉलर वाले स्टार्टअप बाजार में उतरने की कर रहे तैयारी

जयपुर। देश में इंटरनेट आधारित प्रमुख कंपनियां अगले दो-तीन सालों में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की तैयारी में हैं जिनमें ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट (Flipkart), शिक्षा प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप बैजूस (startup byjus’s), फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो (Food delivery company zomato) और कैब एग्रीगेटर कंपनी ओला (CAB OLA) शामिल हैं। आईपीओ से इन कंपनियों का कुल मूल्यांकन 100 अरब डॉलर तक रहने की उम्मीद है।

कंपनियां मुनाफे की राह

उद्योग के अंदरूनी सूत्रों और विश्लेषकों के अनुसार ये कंपनियां मुनाफे की राह तैयार करने के साथ ही नए कारोबारी क्षेत्रों में विविधता लाकर अपने वित्त और कानूनी टीमों के साथ परामर्श करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं ताकि भारत या विदेश में सूचीबद्ध कराया जा सके। वॉलमार्ट (Walmart) के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट और डिजिटल भुगतान कंपनी फोनपे  2022 तक अमेरिका में सार्वजनिक निर्गम लाने की योजना बना रही है।

फ्लिपकार्ट, फोनपे : सार्वजनिक निर्गम लाने की योजना

सूत्रों ने कहा कि फ्लिपकार्ट (Flipkart) की नजर आईपीओ के लिए करीब 40 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर है। उन्होंने कहा कि फोनपे एक अलग इकाई के रूप में सार्वजनिक निर्गम लाने की योजना बना रही है और वह करीब 10 अरब डॉलर के मूल्यांकन को लक्षित करने की योजना में है।

वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में 1.2 अरब डॉलर का निवे

जुलाई में दुनिया की सबसे बड़ी रिटेलर वॉलमार्ट (Walmart) ने फ्लिपकार्ट में 1.2 अरब डॉलर का निवेश किया था जिससे ई-कॉमर्स कंपनी की वैल्यू 24.9 अरब डॉलर हो गई थी। 2018 में जब वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में बहुमत हिस्सेदारी के लिए 16 अरब डॉलर का निवेश किया तब बेंगलूरु की कंपनी का मूल्य 21 अरब डॉलर से भी कम था।

फ्लिपकार्ट भारतीय वित्तीय सेवा बाजार में बढ़ा दायरा

इसकी जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, ‘वॉलमार्ट के नेतृत्व ने फ्लिपकार्ट और फोनपे (PhonePe) को मुनाफे का रास्ता बनाने के बारे में ताकीद दी है और कहा है कि वह चाहती है कि ये कंपनियां अपना सार्वजनिक निर्गम लाएं और इसके लिए सभी तरह का समर्थन दिया जा रहा है।’ सूत्रों ने कहा कि मुनाफे का रास्ता बनाने के लिए ई-कॉमर्स के अलावा फ्लिपकार्ट भारतीय वित्तीय सेवा बाजार में अपना दायरा बढ़ा रहा है जिसका मूल्यांकन अगले कुछ सालों में 340 अरब डॉलर तक हो सकता है।

फ्लिपकार्ट की वित्तीय तकनीक श्रेणी 40 फीसदी

फ्लिपकार्ट की वित्तीय तकनीक श्रेणी 2019 में बढ़कर 40 फीसदी तक हो गई जिसमें उपभोक्ता क्रेडिट कंस्ट्रक्ट, उपकरण बीमा और विक्रेता फाइनैंसिंग शामिल है। कंपनी करीब 20 करोड़ उपभोक्ताओं को ऑनलाइन जोडऩा चाहती है और इसका मकसद वित्तीय तकनीक उत्पादों और सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ताओं की संख्या को बढ़ाना है। इसमें मझोले और छोटे शहर भी शामिल हैं।

फ्लिपकार्ट : 40 फीसदी तक की वृद्धि

कोविड-19 महामारी की वजह से ई-कॉमर्स की तरफ  लोगों का ध्यान ज्यादा बढ़ा है क्योंकि उपभोक्ता बड़ी तादाद में ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं। फ्लिपकार्ट पर बेचे जाने वाले उत्पादों की सकल मर्केंडाइज वैल्यू (जीएमवी) कोविड के पहले स्तर को पार कर चुकी थी।

ई-कॉमर्स कंपनियों का वार्षिक जीएमवी करीब 38 अरब डॉलर

आगामी त्योहारी बिक्री से ई-कॉमर्स कंपनियों का वार्षिक जीएमवी करीब 38 अरब डॉलर तक हो सकता है जिसमें पिछले साल के मुकाबले 40 फीसदी तक की वृद्धि है। ई-कॉमर्स के त्योहारी सीजन की बिक्री ही 7 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर सकती है। यह सीजन उपभोक्ता खर्च और फ्लिपकार्ट के सार्वजनिक निर्गम लाने की क्षमता का बड़ा संकेतक होगा।

फ्लिपकार्ट ने वॉयस असिस्टेंट सुविधा शुरू किया

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