नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central Government) चीन के निवेशकों (China’s investment) से जुड़े कई स्टार्टअप एवं तकनीकी सौदों (startup companies) को हरी झंडी दे सकती है। सूत्रों के अनुसार सरकार उन मामलों में अनुमति देने पर विचार कर रही है, जिसमें चीन के निवेशकों (China’s investor) को किसी देसी कंपनी में 10 प्रतिशत से कम हिस्सेदारी देने की बात चल रही है। इस पूरे मामले की जानकारी रखने वाले एक सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘ऐसे ज्यादातर आवेदनों पर फिलहाल विचार चल रहा है और कुछ सवाल एवं स्पष्टीकरण कंपनियों के प्रतिनिधियों के समक्ष उठाए गए हैं। गृह मंत्रालय (home Ministry) से सुरक्षा संबंधी मंजूरी मिलने के बाद अगले कुछ हफ्तों में सरकार (Central Government) अनुमति दे सकती है।’
चीन के निवेशकों के 100 आवेदन विचारधीन
सरकार (Central Government) अगर यह कदम उठाती है तो नकदी की कमी से जूझ रहीं कई स्टार्टअप कंपनियों (startup companies) को राहत मिल सकती है। भारत में निवेश करने की मंशा रखने वाली चीन की कंपनियों के संदर्भ में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (Foreign direct investment) (एफडीआई) (FDI) से जुड़े दिशानिर्देशों में बदलाव के बाद उनके निवेश के आवेदन विचाराधीन हैं। अप्रैल से चीन के निवेशकों के करीब 100 आवेदन विभिन्न विभागों में विचारधीन हैं।
वाहन विनिर्माताओं के आवेदन भी
अधिकारी ने कहा, ‘इनमें ज्यादातर आवेदन उन क्षेत्रों से हैं, जो आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील नहीं माने जाते हैं। केवल स्टार्टअप (Startup) ही नहीं, बल्कि चीन की कंपनियों (China Company) ने भी वाहन क्षेत्रों में निवेश की दिचलस्पी दिखाई है। दो जानी-मानी वाहन विनिर्माताओं के आवेदन भी इस सूची में हैं। इन दोनों कंपनियों ने अगस्त में सरकार को आवेदन सौंपे थे, जो फिलहाल विचारधीन हैं।’
10 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी नहीं
अधिकारी ने कहा कि सरकार देश में कोई निवेश आने से नहीं रोकना चाहती है, लेकिन भारतीय प्रवर्तकों के हितों एवं निवेश की गुणवत्ता की जांच के लिए समीक्षा की जाती है। अधिकारी ने कहा कि उन मामलों पर, जिनमें भारतीय कंपनियों में 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी नहीं खरीदी जाएगी, इसलिए विचार हो रहा है क्योंकि इनमें चीन की कंपनियां भारतीय कंपनियों का नियंत्रण अपने हाथों में नहीं ले पाएंगी।
कोविड-19 के कारण विभिन्न भारतीय कंपनियों के फिसलने
खेतान ऐंड कंपनी (Khaitan & Company) में पार्टनर अतुल पांडेय (Atul Pandey) ने कहा, ‘प्रेस नोट 3 लाने का मकसद कोविड-19 (Covid-19) के कारण विभिन्न भारतीय कंपनियों के फिसलने की स्थिति में चीन की कंपनियों को उनका नियंत्रण लेने से रोकना है। चूंकि, 10 प्रतिशत से कम हिस्सेदारी होने से चीन की कंपनियां भारतीय इकाइयों का नियंत्रण अपने हाथों में नहीं ले पाएंगी, इसलिए सरकार ऐसे मामलों में निवेश के आवदेनों पर मुहर लगा सकती है।’
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