प्रदूषण के मामले में सर्वप्रथम आने वाला जोधपुर शहर के सबसे बड़ा अस्पताल एम्स भी प्रदूषण से घिरा
जोधपुर. एम्स हॉस्पिटल के सामने और आस-पास चल रही औद्यागिक इकाईयों की वजह से जोधपुर एम्स पर भीषण प्रदूषण फैल रहा है. वायु प्रदूषण की वजह से एम्स की बिल्डिंग का रंग पूरी तरह से बदल चुका है. प्रदूषण विभाग जोधपुर ने एम्स के बिल्कुल सामने चल रही इकाईयों को अब तक बंद नहीं कराया गया है जिसकी वजह से मरीज ठीक होने की बजाय एम्स में आने के बाद नई बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं.
गौरतलब है कि प्रदूषण विभाग के नोम्र्स के अनुसार जो इकाईयां प्रदूषण फैलाएगी उसे विभाग बंद कराने के आदेश देगा और जोधपुर एम्स के पास सभी इकाईयों को दूसरे इंडस्ट्रीयल एरिया में शिफ्ट कराने के आदेश भी हो चुके है, बावजूद वहां पर धडल्ले से इंडस्ट्रीज चल रही है और वे भीषण मात्रा में प्रदूषण फैला रही है. प्रदूषण का स्तर 246 से ज्यादा हो चुका है जबकि राष्ट्रीय परिवेष वायु गुणवता मानकों के अनुसार 100 आरएसपीएम से प्रदूषण होते ही स्वास्थ्य पर प्रतिकुल असर डालता है. एम्स के बाहर तो तीन गुना से अधिक प्रदूषण फैला है और एम्स में सैकडों मरीज रोजाना इलाज के लिए आ रहे हैं और ऐसे में उनकी जिंदगी के साथ खुलेआम खिलवाड हो रहा है