हरित क्षेत्र को बढ़ावा देने का है लक्ष्य
जयपुर. पर्यावरण दिवस के अवसर पर टाटा प्रोजेक्ट्स ने शिप्रापथ मानसरोवर, जयपुर में द्रव्यवती रिवर फ्रंट पर एक पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया। द्रव्यवती नदी का कायाकल्प करना जयपुर के लोगों के लिए एक सामाजिक रूप से आवश्यक एवं प्रतिष्ठित परियोजना है। इस नदी के किनारों पर एक विशाल पौधारोपण मुहिम चलाने की योजना है और जयपुर में अगले कुछ महीनों में नदी के किनारे-किनारे 18,000 से अधिक पौधे रोपे जायेंगे। हालांकि, टाटा प्रोजेक्ट्स द्वारा पूरे भारतभर में 104 प्रोजेक्ट साइटों पर ग्रीन थम्ब पहल का क्रियान्वयन भी किया जा रहा है। इसमें पूरे साल 65,000 से अधिक पौधों को लगाया जायेगा। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘जयपुर में, लोगों को पौधारोपण के लिए आमंत्रित किया जाता है जहां उन्हें लगाने के लिए मुफ्त में पौधे दिये जायेंगे। वे सैपलिंग टैग्स पर अपने नाम भी लिख सकते हैं और इन्हें नामित स्थानों पर टाटा प्रोजेक्ट्स द्वारा रोपा जायेगा। हम चाहते हैं कि सभी नागरिक इसमें हिस्सा लें।”
देश भर में उन सभी लोगों के लिए जो इसमें हिस्सा लेने चाहते हैं- वे हमारी वेब ‘ग्रीन थम्ब‘ पहल पर क्लिक करके इस सरोकार के लिए अपनी सहमति जता सकते हैं। इसके बाद टाटा प्रोजेक्ट्स www.tplgreenthumb.com पर एक क्लिक करने के लिए एक पौधा दान करेगा,यदि हमें 65,000 से अधिक क्लिक्स मिलेंगे- तो इसका श्रेय पर्यावरण की रक्षा के सरोकार को दिया जायेगा।
जागृति स्कूल के बच्चों और टाटा प्रोजेक्ट्सने पौधे रोपे- टाटा प्रोजेक्ट्स के प्रबंध निदेशक विनायक देशपांडे ने कहा कंपनी अपने परियोजनास्थलों पर जैवविविधता एवं पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए पूरी देखभाल करती है। भारत में शुष्क एवं बंजर स्थान में किसी नदी का कायाकल्प करने की पहली और प्रमुख परियोजना है। 47.5 किलोमीटर लंबी, बारिश के पानी से सिंचित नदी एक नाला में बदल चुकी है जिसमें सीवेज का गंदा पानी आता है। इस परियोजना में सीवेज को इंटरसेप्ट कर इसे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (नये) से उपचारित कर और उपचारित जल का इस्तेमाल नदी को रिचार्ज करने का लक्ष्य तय किया गया है। इस तरह पूरे साल नदी में स्वच्छ जल उपलब्ध रहेगा। यह नाला सिर्फ लोगों के स्वास्थ्य पर ही हानिकारक प्रभाव नहीं डालता बल्कि यह पर्यावरण को भी प्रदूषित कर रहा है। इसमें ऐतिहासिक शहर को डुबाने का खतरा है। इस प्रोजेक्ट की परिकल्पना राजस्थान सरकार और जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा की गई है। इसका ठेका टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और एसयूसीजी के कंसोर्टियम को दिया गया है। राजस्थान सरकार के इस दूरदर्शी परियोजना के कार्यान्वयन से जयपुर देश के सबसे प्रगतिशील शहरों में शामिल हो जायेगा और यह अन्य विश्वस्तरीय शहरों से कहीं आगे होगा। नदी का तट, इसके किनारे और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ सीवेज पाइपलाइन जल्द ही चालू हो जायेंगे। नदी के किनारों पर अनेक पौधों को लगाया जायेगा और उन्हें खूबसूरत बनाया जायेगा। सामाजिक अधोसंरचना, एक्सपीरिएंस सेंटर, पार्क और वॉकवेज नदी के किनारों के साथ ही विकास के अंतिम चरणों में हैं।