क्या आप महासागर पार आठ से नौ घंटे की यात्रा उस विमान में करने की कल्पना कर सकते हैं, जिसमें कोई खिड़की ना हो । जिन्हें बंद माहौल को लेकर उलझन होती है उनके लिए तो यह यात्रा किसी भी सूरत में ठीक नहीं होगी। दुबई की एमिरात एयरलाइंस के प्रमुख सर टिम क्लार्क का कहना है कि आने वाले सालों में बिना खिड़की वाले विमान की बात सच होने जा रही है। दरअसल एयरलाइन की प्रथम श्रेणी के केबिन सेक्शन में ऐसा ही देखने को मिला. केबिन में एक भी खिड़की नहीं थी। खिड़कियां नहीं होने पर फ़ाइबर ऑप्टिक्स से जुड़े कैमरों के एक सिस्टम के जरिए विमान के बाहर के दृश्य को यात्रियों को दिखाया जाएगा। ऐसा पहले से ही एमिरात बोइंग 777-300 ईआर की पहली श्रेणी के केबिन में शुरू किया जा चुका है और जल्द ही पूरे प्लेन में इसे लागू किया जाएगा। दरअसल, विमान में खिड़कियों की जगह वर्चुअल खिड़कियां लेंगी। क्लार्क ने कहा, ”आप कल्पना कीजिए कि जिस प्लेन में सवार हो रहे हैं उनमें बाहर की ओर कोई खिड़की नहीं है. लेकिन जब आप अंदर आते हैं तो पता चलता है कि खिड़की नहीं होने की वजह से आप उस प्लेन में हैं जिसकी बनावट काफ़ी मजबूत हो गई है. विमान की वजन में कमी आएगी, तेज़ी से उड़ान भरने में मदद मिलेगी और ईंधन की खपत भी कम होगी। ”
सुरक्षा का मसला- बिना खिड़कयों के विमान वाले प्रस्ताव में असहमतियां भी सामने आ सकती हैं। इंग्लैंड की क्रैनफ़ील्ड यूनिवर्सिटी में विमान की सुरक्षा के जानकार प्रोफ़ेसर ग्राहम ब्रैथवैट ने बताया कि आपातकाल की स्थिति में विमान चालक दल को बाहर देखने में सक्षम होना चाहिए। विमान के बाहर क्या हो रहा है यह जानना जरूरी है. ख़ास कर उस स्थिति में जब लोगों को किसी आपातकालीन स्थिति में निकालने की जरूरत पड़े। विमानकर्मियों को इस बात की जरूरत पड़ेगी कि वो बाहर के हालात को देखें. अगर बाहर आग है तो बिना दरवाजा खोले उसे देखना संभव नहीं होगा। इन परिस्थितियों में विमान की सुरक्षा देखने वाले अधिकारियों से मंज़ूरी लेने में कठिनाई हो सकती है।