नई दिल्ली : सस्टेनेबल लॉजिस्टिक्स की अपनी प्रतिबद्धता के अंतर्गत, फिलिप्स मॉरिस इंटरनेशनल (पीएमआई) के भारतीय सहयोगी, आईपीएम इंडिया ने अपने सस्टेनेबल लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को एनर्जी एफिशियंट बनाया है। पिछले साल संगठन ने ईवी और सीएनजी वाहनों की शुरुआत में मदद की थी और अपनी 70 प्रतिशत नॉन-टोबैको सामग्री की सोर्सिंग हवाई जहाज की बजाए समुद्री या जमीनी मार्ग से करनी शुरू की थी, जिससे वित्तवर्ष 2025 तक कार्बन उत्सर्जन में 684 टन की कमी लाई जा सकी।
ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने के लिए यह संगठन धीरे-धीरे अपने लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में पर्यावरण के लिए मित्रवत सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहन शामिल कर रहा है। दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में पेश किए गए इन वाहनों ने 30 टन से अधिक CO2 की बचत की है। अपना सस्टेनेबिलिटी और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का उद्देश्य पूरा करने के लिए सोर्सिंग और स्विचिंग को हवाई मार्ग से बदलकर जमीनी और समुद्री मार्ग पर ले जाने से संगठन को मार्च 2025 तक कार्बन उत्सर्जन में 654 टन की कमी लाने में मदद मिली है।
इस बारे में नवनील कर, मैनेजिंग डायरेक्टर, आईपीएम इंडिया ने कहा, ‘‘सस्टेनेबिलिटी और बिज़नेस की परफॉर्मेंस, दोनों एक दूसरे से जुड़े हैं, और एक दूसरे को मजबूती देते हैं। सस्टेनेबल लॉजिस्टिक्स नेटवर्क का विस्तार हमारे मुख्य उद्देश्यों के अनुरूप है। हमें इस ओर हो रहे परिवर्तन में अपना योगदान देने और सकारात्मक मूल्यों को बढ़ावा देने पर गर्व है। सस्टेनेबिलिटी न केवल बाहरी नकारात्मक प्रभावों को कम करती है, बल्कि ऑपरेशनल एफिशियंसी एवं रिसोर्स ऑप्टिमाईज़ेशन बढ़ाकर जोखिमों को कम भी करती है। हम संगठन के रूप में इसे इनोवेशन, विकास, उद्देश्य पर केंद्रित एवं प्रभावोत्पादक तथा दीर्घकालिक वैल्यू क्रिएशन के अवसर के रूप में देखते हैं। इसलिए हम अपने व्यवसाय के हर पहलू में इसे शामिल करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। अपनी हर कार्बन-न्यूट्रल पहल के साथ हम कार्बन-न्यूट्रल मॉडल बनने के अपने लक्ष्य के करीब पहुँच रहे हैं।’’
आईपीएम इंडिया की हेड ऑफ ऑपरेशंस, दिव्या वंशिका ने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि सस्टेनेबल लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में निवेश से हमारे बिज़नेस में मजबूती आएगी और समाज का कल्याण होगा। भारत सरकार पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए आर्थिक विकास करने के लिए सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान केंद्रित कर रही है। आईपीएम इंडिया अपनी हर पहल के साथ सरकार के उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए एक सस्टेनेबल लॉजिस्टिक्स नेटवर्क का निर्माण कर रहा है और कार्बन-न्यूट्रल वातावरण की ओर भारत के सफर में अपना योगदान दे रहा है।