नई दिल्ली: देश में बौद्धिक संपदा (आईपी) के क्षेत्र में तेजी से पेटेेंट बढ़ रहे हैं। उभरती तकनीकों की घरेलू एïवं वैश्विक कंपनियों ने कृत्रिम मेधा (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), बिग डेटा, क्लाउड, एज, साइबर सुरक्षा और तत्काल प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में पिछले पांच वर्षों में भारत में पेटेंट के 85,000 आवेदन किए गए हैं। ये सभी तकनीकी पेटेंटों का करीब 70 फीसदी हैं। वैश्विक आईपी अनुसंधान एवं सलाहकार कंपनी सगेशस आईपी के आंकड़ों के मुताबिक भारत में एआई में 2011 से 2020 तक के दशक में करीब 5,000 पेटेंट दाखिल किए गए। उनमें से 86 फीसदी आवेदन केवल पिछले पांच साल में दाखिल किए गए हैं। सगेशस का कहना है कि एआई में नवोन्मेष की तरफ पिछले एक दशक में रुझान बढ़ा है। अब भारत एआई पेटेंट दाखिल करने में आठवें और एआई अनुसंधान पत्र में चौथे स्थान पर है। रोचक बात यह है कि भारत में एआई क्षेत्र में सबसे ज्यादा पेटेंट उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, पर्सनल कंप्यूटर और स्वास्थ्य में दाखिल किए जा रहे हैं। पिछले पांच सालों में सभी उभरती तकनीकों में दाखिल पेटेंट में एआई का हिस्सा छह फीसदी है।
वाहन इन्फोटेनमेंट (सूचना-मनोरंजन) क्षेत्र में वर्ष 2011 से 2020 के बीच दायर 300 पेटेंट में से 78.85 फीसदी पिछले पांच वर्षों में दाखिल किए गए। इलेक्ट्रिक वाहनों के धमाकेदार आगाज से वाहन इन्फोटेनमेंट क्षेत्र खुल रहा है। इससे भी अहम यह है कि भारत की यह प्रतिशत हिस्सेदारी विश्व के किसी भी देश जैसे चीन (72.76 फीसदी), अमेरिका (70.61 फीसदी), दक्षिण कोरिया (69.85 फीसदी) या ताइवान (76.74 फीसदी) से अधिक है। भारत कुल वाहन इन्फोटेनमेंट पेटेंट की कुल संख्या में पीछे है। चीन ने पिछले पांच सालों में 2,850 और अमेरिका ने 1,564 पेटेंट आवेदन दाखिल किए हैं। इसके विपरीत भारत में इस क्षेत्र में 2016 से 2020 के बीच दाखिल पेटेंट महज 238 रहे। लेकिन ये ताइवान से अधिक थे, लेकिन यह आंकड़ा ताइवान के 165 से बेहतर था।
पेटेंट दाखिल करने में अहम बढ़ोतरी के बारे में सगेशस आईपी के प्रमुख (आईसीटी और लाइसेंस) अनुभव महाजन ने कहा, ‘यह रुझान इसलिए बढ़ा है क्योंकि भारतीय और वैश्विक कंपनियां अपनी तकनीक का पेटेंट कराकर यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि उन्हें यहां भी प्रतिस्पर्धियों पर बढ़त मिले। वे अब भारत को भी अमेरिका और चीन के समान अहम बाजार मानती हैं। इसके अलावा भारत एआई, आईओटी, इलेक्ट्रिक वाहन तकनीक जैसे क्षेत्रों में शोध एवं विकास का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है, इसलिए आगामी वर्षों में भारत में और पेटेंट दाखिल किए जाएंगे।’
भारत में आईओटी क्षेत्र में पिछले दशक में 5,300 से अधिक पेटेंट दाखिल किए गए, लेकिन उनमें से 87 फीसदी 2016 से 2020 के बीच दाखिल किए गए हैं।