मंगलवार, दिसंबर 03 2024 | 10:52:56 PM
Breaking News
Home / कृषि-जिंस / बफर से कुछ ही अधिक बचा गेहूं

बफर से कुछ ही अधिक बचा गेहूं

नई दिल्ली| देश के केंद्रीय पूल में गेहूं की मात्रा बहुत कम हो गई है और 1 जुलाई को करीब उतना ही गेहूं बचा था, जितना कामकाज के लिए जरूरी बफर स्टॉक और आवश्यक भंडार में होना चाहिए। 2021-22 के फसल विपणन वर्ष में गेहूं का उत्पादन गिरना तथा खरीद कम रहना इसकी वजह हैं।

मगर इस दौरान चावल की मात्रा बफर और आवश्यक भंडार के निर्धारित पैमाने से बहुत अधिक (134 फीसदी अधिक) थी। आम तौर पर 1 जुलाई को गेहूं का भंडार सबसे अधिक रहता है क्योंकि इससे पहले के तीन महीनों यानी अप्रैल, मई और जून में इसकी खरीद होती है।

ताजा आंकड़े बताते हैं कि 1 जुलाई, 2022 को केंद्रीय पूल में करीब 285.1 लाख टन गेहूं था। इस तारीख को बफर और आवश्यक भंडार के रूप में कम से कम 275.8 लाख टन गेहूं होना चाहिए मगर कुल मात्रा इससे केवल 10 लाख टन अधिक है।

इससे पहले 2008 में इस तारीख पर केंद्रीय पूल में गेहूं की मात्रा इससे कम थी। उस साल 1 जुलाई को केवल 249.1 लाख टन गेहूं था। आंकड़ों से पता चलता है कि 1 जुलाई 2015 को भंडारण के नियमों में बदलाव के बाद पहली बार 1 जुलाई को गेहूं की मात्रा बफर और आवश्यक भंडार के इतने करीब रही है।

इसके उलट इस महीने की पहली तारीख को केंद्रीय पूल में करीब 315 लाख टन चावल होने का अनुमान है, जो 135 लाख टन के जरूरी भंडार से बहुत अधिक है। इसमें मिल मालिकों के पास पड़ा करीब 231.5 लाख टन बिना कुटा धान शामिल नहीं है, जो 2015 के बाद सबसे अधिक है।

केंद्रीय पूल में शामिल होने का मतलब है कि सरकार की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और अन्य कार्यक्रमों के लिए 155.1 लाख टन अतिरिक्त चावल उपलब्ध हो जाएगा।

Check Also

eeki growing footprint, plans to expand business abroad in Madhya Pradesh, Maharashtra and Tamil Nadu as well as Oman

ईकी के बढ़ते पदचिन्ह, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के साथ ही विदेश में ओमान में व्यापार विस्तार की योजना

700 करोड़ रुपए के निवेश के साथ होगा विस्तार, यूएई, सिंगापुर और यूरोप में भी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *