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One day left of the 18th Pravasi Bharatiya Divas Conference, NRIs shared their special experiences

18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का एक दिन शेष प्रवासी भारतीयों ने साझा किए अपने अनुभव विशेष

नई दिल्ली. ओड़िशा के भुवनेश्वर में कल 8 जनवरी से आयोजित हो रहे ’18वें प्रवासी भारतीय दिवस’ का प्रतिभागी बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह भव्य सम्मेलन प्रवासी भारतीयों को अपने अनुभव साझा, नए अवसरों की खोज और भारत की समृद्ध संस्कृति व विरासत को पुनः स्थापित करने का एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करेगा। 18वें प्रवासी भारतीय दिवस के पहले दिन विदेश मंत्री एस जयशंकर, दूसरे दिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी, तथा तीसरे दिन भारत की राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मु शिरकत करेंगे। इसके साथ पूरे विश्व की लगभग 50 देशो से प्रवासी शिरकत करेंगे।

 

इप्सिता कथूरिया, को-फाउंडर, टैलेंटनोमिक्स इंक., फुल्टन, मैरीलैंड ने अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, “यह बेहद खुशी की बात है कि इस वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन ओड़िशा में हो रहा है। अनमोल धरोहर की भूमि ओड़िशा, अपनी समृद्ध विरासत, अद्वितीय संस्कृति, लाजवाब व्यंजनों और अप्रतिम प्राकृतिक सुंदरता के लिए विशेष स्थान रखता है। हममें से विदेश में रहने वाले कई भारतीय ओड़िशा के इन अद्भुत पहलुओं से अपरिचित हैं और इसे नजदीक से अनुभव करने का अवसर नहीं पा सके हैं। यह प्रवासी भारतीयों के लिए ओड़िशा की यात्रा करने और इसकी अनूठी संस्कृति को समझने का एक शानदार मौका है।”

 

कैलिफोर्निया की युवा एआई वैज्ञानिक मानसी राणा ने प्रवासी भारतीय दिवस का हिस्सा बनने पर अपनी खुशी साझा की। उन्होंने कहा,“यह पहल भारत की समृद्ध विरासत को पुनः खोजने, समान विचारधारा वाले व्यक्तियों से जुड़ने, नवाचार, विकास, उद्यमिता और प्रौद्योगिकी में भारत की तेजी से हो रही प्रगति से प्रेरित होने के लिए कई अद्वितीय अवसर प्रदान करती है।”

 

पूर्णिमा वोरिया, फाउंडर और सीईओ, नेशनल यूएस इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स ने प्रवासी भारतीय दिवस के साथ अपनी लंबी सहभागिता पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, “वर्ष 2003 में नई दिल्ली में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस में मुझे भारत के उपराष्ट्रपति के विशेष अतिथि के रूप में भाग लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उस दौरान, भैरों सिंह जी ने मुझे नेशनल यूएस इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स शुरू करने के लिए प्रेरित किया, जिसे 2005 में आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया। पिछले 20 वर्षों में, हमने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, जिनमें जयपुर में एशिया मुख्यालय की स्थापना और अमेरिका के उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्र की सेवा के लिए वॉशिंगटन राज्य में नए चैंबर का शुभारंभ शामिल हैं।”

 

भारत के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे अभूतपूर्व विकास से अत्यधिक प्रभावित पूर्णिमा वोरिया ने आगे कहा, “यह हमारे चैंबर के साथ काम करने के लिए ओड़िशा के लिए सुनहरा अवसर है। राज्य, एयरोस्पेस, रक्षा (डिफेंस), ड्रोन टेक्नोलॉजी, आईटी, नवीकरणीय ऊर्जा और कृषि जैसे क्षेत्रों में नई संभावनाएं खोज सकता है। ओड़िशा के व्यवसायों को अमेरिकी बाजार से जोड़ने के लिए हम हमेशा साथ हैं। इस प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में ऊर्जा सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, भारत की सांस्कृतिक विरासत और व्यापार अवसरों पर होने वाली चर्चाएं, सहयोग को और मजबूत बनाएंगी। यह अपार अवसरों और संभावनाओं वाली भूमि है और मुझे गर्व है कि मैं विकसित भारत-2047 के विजन का हिस्सा हूं।”

 

कार्तिक रंगराजन, चेयरपर्सन – कमिटी फॉर गवर्नमेंट, एम्बेसी एंड कांसुलर अफेयर्स – फेडरेशन ऑफ तमिल संगम्स इन नॉर्थ अमेरिका (FeTNA) ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा, “मैं भुवनेश्वर में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस में भाग लेने के लिए अत्यधिक उत्साहित हूं। दुनियाभर के प्रवासी भारतीयों और भारतीय मूल के व्यक्तियों को एक मंच पर लाने के लिए इस तरह के सम्मेलन का आयोजन करने के लिए भारत सरकार और ओड़िशा के मुख्यमंत्री को मेरी ओर से सप्रेम शुभकामनाएं। यूनाइटेड स्टेट (संयुक्त राज्य अमेरिका) से तमिल समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हुए, मैं FeTNA के अनुभव को आपके साथ साझा करने आया हूं। मुझे पूरी उम्मीद है कि यह सम्मेलन संबंधों और सहयोग की नींव को और सशक्त बनाएगा।”

 

वर्ष 2000 से अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के संजय कथूरिया, वर्ल्ड बैंक के पूर्व प्रमुख अर्थशास्त्री तथा दक्षिण एशिया में आर्थिक विकास, वृद्धि और एकीकरण के प्रख्यात विचारक और समीक्षक ने प्रवासी भारतीयों के महत्वपूर्ण योगदान पर जोर देते हुए कहा, “प्रवासी भारतीय, वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय हैं, जो भारत की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वर्तमान में, प्रवासी भारतीयों द्वारा भेजी जाने वाली धनराशि केवल संभावित योगदान का एक छोटा-सा पहलू है, जिसे और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है। कई विश्व-प्रसिद्ध कंपनियों के प्रमुख हमारे प्रवासी भारतीय हैं, जिनके नेतृत्व में कंपनियां भारत में निवेश कर रही हैं, जिसे और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है। निवेश की सीमा बढ़ाकर वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत की उपस्थिति को और मजबूत किया जा सकता है। भारत, जीवीसी में निवेश बढ़ाकर अपने विनिर्माण क्षेत्र में सुधार, जीडीपी में अपनी हिस्सेदारी मजबूत और उच्च गुणवत्ता वाले रोजगार का सृजन कर सकता है।“

 

18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन संवाद, अवसर और साझेदारी का जीवंत मंच प्रदान करने का वादा करता है, जो प्रवासी भारतीयों और भारतीय मूल के निवासियों को अपनी मातृभूमि से जुड़ने और भारत की प्रगति में योगदान देने का सुनहरा अवसर प्रदान करेगा।

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