जयपुर। श्रावण मास के प्रथम सोमवार को देवस्थान मंत्री शकुन्तला रावत ने जयपुर के आमेर स्थित श्री रामेश्वरजी मंदिर में सहस्त्रधारा रुद्राभिषेक किया। उन्होंने रूद्रीपाठ के उच्चारण के बीच विधि-विधान के साथ रूद्राभिषेक किया और प्रदेश में समृद्धि एवं अच्छी वर्षा की कामना की। उन्होंने कहा कि श्रावण के पहले सोमवार को ही भगवान शिव की कृपा हुई है और इंद्रदेव ने चहुं ओर अच्छी बारिश के रूप में खुशियां बरसाई है।
विभाग के अधीन शिवालयों में रूद्राभिषेक
देवस्थान मंत्री ने कहा कि विभाग के अधीन शिवालयों में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रूद्राभिषेक आयोजित किए जा रहे हैं। श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को यह कार्यक्रम आयोजित होंगे। उन्होंने कहा कि श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है इसलिए विभाग की और से भक्तों के लिए शिवालयों में पूजा-अर्चना एवं विशेष श्रृंगार की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि श्रावण मास एवं अधिक मास के सभी आयोजनों के लिए विभाग के उच्चाधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है।
मंदिरों में पर्यावरण संरक्षण हेतु पौधारोपण
मंत्री रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ‘सेवा ही कर्म-सेवा ही धर्म‘ की मंशा के साथ आगे बढते हुए देवस्थान विभाग द्वारा प्रदेश में धार्मिक स्थलों के विकास कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने विभाग की नंदन कानन योजना की जिक्र करते हुए कहा कि योजना के जरिए विभाग के अधीन सभी मंदिरों में पर्यावरण संरक्षण हेतु पौधारोपण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत जिन मंदिरों में कच्ची मिट्टी भूमि एवं पानी की पर्याप्त उपलब्धता है वहां तुलसी, अपराजिता, पीपल, बीलपत्र, सदाबहार, चमेली, आंवला जैसे पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं। इन पेड़-पौधों से भक्तों को मंदिर परिसर में ही पूजा करने हेतु पुष्प भी उपलब्ध हो पाएंगे। मंदिर प्रशासन द्वारा इनकी देखभाल की जाएगी। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधों का हमारे धार्मिक शास्त्रों की दृष्टि से बड़ा महत्व है एवं कई पेड़-पौधे हमारी धार्मिक आस्थाओं के प्रतीक हैं। जयपुर हैरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने भी रूद्राभिषेक कार्यक्रम में विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों को श्रावण मास एवं अधिक मास की बधाई दी।